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मनरेगा में मन भरकर लुटाई, मजदूरों की राशि सरपंच, सचिव ने पचाई - बल्देवगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत सुजानपुरा

मनरेगा एक रोजगार गारंटी योजना है, लेकिन टीकगमढ़ के बल्देवगढ़ जनपद पंचायत में ये योजना लूट की योजना बन कर रह गई है. यहां मजदूरों का काम मशीनों से कराया गया और मजदूरों की राशि जिम्मेदारों ने अपने परिजनों के नाम से निकाल कर अपनी जेब भर ली है.

मनरेगा

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Published : Nov 5, 2019, 11:45 PM IST

टीकमगढ़। बल्देवगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत सुजानपुरा में मनरेगा लूट की योजना बन गई है, ग्रामीणों के मुताबिक यहां छोटे तालाब का निर्माण और मरम्मत का कार्य मशीनों से किया गया है. इतना ही नहीं मनरेगा योजना में मिलने वाली मजदूरी की राशि सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों की मनमानी से निकाल ली गई है. गांव में स्थित चंदेलकालीन तालाब का सौंदर्यीकरण सिर्फ कागजों में ही किया गया है.

मनरेगा की महालूट


इस मामले में जब जिम्मेदार अधिकारी भी कैमरे के आगे कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो ग्राम पंचायत में निर्माण कार्य ठेका और मशीनों से कराए गए है. जबकि योजना के मुताबिक ये काम मजदूरों से करवाना होता है. ग्रामीणों ने पंचायत में कार्य मांगा लेकिन सरपंच और रोजगार सहायक ने उन्हें नहीं दिया.


ग्रामीणों की माने तो गांव की कोट पहाड़ी तलैया का निर्माण कार्य जल्द कराने के लिए सरपंच और रोजगार सहायक ने मशीनों का उपयोग किया है. इस तलैया के चारों ओर न तो बंधान है और न ही पानी है. मामले की जांच के लिए ग्रामीणों ने जनपद पंचायत के साथ जिला पंचायत से शिकायत की लेकिन, मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

सरपंच पुत्र, रोजगार सहायक के पिता के नाम निकाली राशि
ग्रामीणों ने बताया कि तलैया निर्माण कार्य मशीनों से कराकर मजदूरी सरपंच पार्वती यादव के बेटे रामसेवक यादव, मनोहर यादव, बहू विनीता यादव और परिजन देवेन्द्र यादव, रोजगार सहायक महेश जैन के पिता दयाचंद जैन व मां कमला के नाम से निकाली गई है, जिन्होंने कभी मजदूरी नहीं की है. ग्रामीणों का कहना है कि सुजानपुरा ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यों की अधिकारियों द्वारा जांच की जाए तो उनके सरपंच, सचिव के साथ रोजगार सहायक के परिजनों के नाम दर्जनों कार्यों में मिल जाएंगे.

चंदेलकालीन तालाब का कागजों में हुआ सौंदर्यीकरण
गांव में चंदेलकालीन तालाब है. उस तालाब से गांव के किसान रबी की फसल की सिंचाई करते हैं, ये तालाब कई जगहों से टूट गया है जिसकी मरम्मत और सौंदर्यीकरण के नाम पर सरपंच और रोजगार सहायक द्वारा 5 लाख रुपए की राशि साल 2017-18 में निकाली गई थी लेकिन जब हकीकत को देखा तो तालाब की मरम्मत सिर्फ कागजों में ही मिली. इस मामले को लेकर बल्देवगढ़ जनपद पंचायत सीईओ पीके मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई लेकिन, उन्होंने फोन नहीं उठाया इससे ये बात भी साफ हो गई कि मामले को लेकर अधिकारी भी जबाब देने से बच रहे हैं.

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