टीकमगढ़।अक्सर हमें सुनने में आता है कि लोग सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से फायदा उठाते हैं. जिनको सच में इन योजनाओं की आवश्यकता होती है, उनको इसका लाभ नहीं मिल पाता और जिन्हें इसकी कोई जरूरत नहीं है उन्हें मिल जाता है. मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले जतारा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें कामता प्रसाद साहू व्यक्ति ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर तो ले लिया, लेकिन बाद में उसने इसे किसी और को बेच दिया.
PM आवास को बेचने का मामला
कामता प्रसाद साहू को प्रधानमंत्री आवास योजना का हितग्राही है, जिसे मकान बनाने के लिए दो किस्त दिए गए, जिसमें पहली किस्त में एक लाख रुपए और दूसरी किस्त में 60 हजार रुपए मिले थे. इन रुपयों से उसने पक्का मकान बनाया था, लेकिन इस आवास का खुद उपयोग ना करते हुए उसने इन मकान को एक महिला को बेच दिया. वहीं खरीददार को ये नहीं पता था कि ये पीएम आवास है.
उपयंत्री ने पुलिस को लिखा पत्र
कामता प्रसाद साहू ने चार लाख रुपए में प्लॉट बेचा है. मामला संज्ञान में आने के बाद नगर परिषद ने इसकी जांच कराई, जिसके बाद आरोपी कामता प्रसाद पर 420 का मामला दर्ज करने के लिए जतारा पुलिस को एक पत्र लिखा गया. मामले में नगर परिषद के उपयंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास को नहीं बेचा जा सकता, अगर किसी ने इसे बेचने की कोशिश की तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाती है. साथ ही आवास के नाम पर जो राशि दी जाती है, उसे भी वसूल किया जाता है.
आवास के लिए मिले थे 1 लाख 60 हजार रुपए