टीकमगढ़। जिले में एक नई प्रजाति के टमाटर ने लोगों को अपना दीवाना बना दिया है. लोग सिर्फ बाजार में इसी टमाटर को खोजते नजर आते है. यह टमाटर स्वाद में बेहतर खट्टा-मीठा होता है. यह टमाटर बैंगलौर की माहू प्रजाति की अच्छी किस्म का बताया जा रहा है, जिसे हॉर्टिकल्चर के प्रोग्राम के तहत यहां लाया गया. जिले के फॉर्म हाउस पर पौधारोपण कर इन टमाटर के पौधों को रोपा गया.
बैंगलुरु टमाटर की मांग बढ़ी टमाटर के पौधे 12 फीट लंबे और प्रति पौधे की उम्र 6 माह होती है. इनका वजन 400 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक है. इनका उपयोग सलाद में पसंद किया जा रहा है, जिसे लोग सलाद का बादशाह कहते हैं.
इस फॉर्म हाउस में रोज करीब छह क्विंटल टमाटरों का उत्पादन होता है. फॉर्म हाउस में इन टमाटरों के 850 पौधे लगाए गए है. इनकी सिंचाई ड्रिप सिस्टम से की जाती है. ये सभी पौधे 28 लाख की लागत से हॉर्टिकल्चर के एक प्रोजेक्ट के तहत लाए गए थे.
इन टमाटरों की खेती एक एकड़ में की जा रही है. जिले से 6 किमी की दूरी पर कुंडेश्वर में शिव मंदिर के पीछे यह फार्म हाउस बनाया गया है, जिसमें बैंगलुरु के इन टमाटरों की खेती की जा रही है.
इनकी देखरेख के लिए 10 कर्मचारियों को लगाया गया है. परत काफी मोटी होने से ये जल्दी खराब नही होते और ज्यादा दिनों तक चलता है. लोग बाजार में खोजते हुए कहते कि बैंगलुरु का छोटा सेब मिलेगा.