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कृषि वैज्ञानिकों ने इजाद की तिलहन की 6 नई प्रजाति, किसानों को हो रहा मुनाफा - कृषि महाविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र

जिले के कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई प्रकार की तिलहन का आविष्कार किया है. वैज्ञानिकों ने 10 साल के शोध के बाद 6 नई तिलहन की प्रजातियों को इजाद किया है. इन तिलहनों की काफी डिमांड बढ़ गई है. किसानों को भी इस फसल में काफी मुनाफा हो रहा है. इस फसल में रोग कम और उत्पादन ज्यादा हो रहा है, साथ ही ऑयल की मात्रा भी काफी अच्छी है.

Six new species of oilseeds
तिलहन की छह नई प्रजाति

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Published : Aug 7, 2020, 5:18 PM IST

Updated : Aug 7, 2020, 5:28 PM IST

टीकमगढ़ ।जिले के किसानों को खेती में फायदे के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई किस्म की फसल इजाद की है, जो किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है. जिले के कृषि महाविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने तिलहन की नई प्रजाति का आविष्कार किया है. लगातार 10 साल के शोध के बाद नई तिलहन की 6 प्रजातियों का आविष्कार हो सका है. इन 6 नई किस्मों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिल गई है. कृषि वैज्ञानिकों ने जो नई किस्म तैयार की है उसमें देसी तिल को मिलाकर उसके बीजों की क्रॉस ब्रीडिंग करके यह नईं किस्म की तिल बनाई गई है.

कृषि वैज्ञानिकों ने इजाद की फसल की नई किस्म

इन राज्यों में इन बीजों की डिमांड

नई किस्म में tkg 308, 306, 12, 21, 22 आदि हैं, जिनकी डिमांड पूरे देश में है, जबकि 308 तिलहन के बीज की मांग ज्यादा चल रही है. सबसे ज्यादा राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों में सबसे ज्यादा tkg 308 तिलहन के नए आविष्कृत बीज की डिमांड है. इन राज्यों में किसानों ने सैकड़ों हेक्टेयर में इसकी बोवनी की है और ज्यादा उत्पादन होने पर इसे काफी पसंद किया जा रहा है.

निरीक्षण करते कृषि वैज्ञानिक

रोग कम, उत्पादन ज्यादा

इस नई प्रजाति में कोई भी रोग और कीट पतंग नहीं लगते, जिससे इस नई प्रजाति की बैरायटी में उत्पादन ज्यादा होता है. ये फसलें, पानी और कीड़े-मकोडे़ से नष्ट नहीं होती है. इस तिल की फसलों के तने काफी मजबूत होते हैं और इसका पौध घेरा बनाकर बढ़ता है, जिससे हवा और आंधी से यह पौधा टूटकर जमीन पर भी नहीं गिरता है और इसका उत्पाद बढ़ता जाता है. तिलहन की यह नई फसल उत्पादन में भी काफी बेहतर होती है. इसकी प्रति एकड़ में 4 से लेकर 5 क्विंटल तक उपज होती है.

नई तिलहन की फसल

फसल में ऑयल की मात्रा

फसल में ऑयल की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है. 50 से 55 फीसदी तक इस प्रजाति में ऑयल निकलता है, जो किसानों के लिए आम के आम और गुठलियों के दाम के बराबर फायदेमंद साबित होता है. सभी 6 प्रकार की किस्मों को नेशनल लेवल पर मान्यता भी मिल गई है. वहीं इस नई प्रजाति की फसल को लेकर किसानों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है. किसानों का कहना है कि यह प्रजाति काफी अच्छी है, इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है. नई प्रजाति की तिलहन 80 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

तिलहन की छह नई प्रजाति

कृषि महाविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा इस नई प्रजाति के तिल का किसानों में प्रदर्शन और प्रशिक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है. इन नई बैरायटियों ने देश में धूम मचा दी है. नई किस्म से जिले का नाम भी रोशन हो रहा है.

Last Updated : Aug 7, 2020, 5:28 PM IST

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