सिंगरौली। अपनी खूबसूरती पर इतराती ये इमारत बाहर से जितनी सुंदर दिख रही है, अपने अंदर उससे भी सुनहरा भविष्य समेटे हुए है क्योंकि ये कोई मामूली इमारत नहीं है, बल्कि ये वो इमारत है जिसमें देश का भविष्य गढ़ा जाता है. बदहाली की कगार पर खड़ी शिक्षा व्यवस्था के सामने ये तस्वीर एक नजीर पेश कर रही है कि बेहतर भविष्य गढ़ना है तो इरादों को मजबूत करना ही पड़ेगा. इस बदलाव के पीछे सिर्फ एक ही इंसान की मेहनत है, जिसने गुरू के अर्थ को भी सार्थक कर दिखाया है.
देवसर तहसील के सबसे पिछड़े इलाके के गिनहा गांव में स्थित ये स्कूल लंबे समय से उपेक्षित था, जिसे सह अध्यापक जितेंद्र वैश्य ने नई पहचान दिलाई. अब ये स्कूल अपनी रंगत पर इतराता है, जितेंद्र ने शिक्षा का महत्व समझते हुए अपने खर्च से स्कूल का कायाकल्प किया और छात्रों को स्कूल तक पहुंचाने से लेकर अंग्रेजी, गणित व संगीत तक में पारंगत करने की जिम्मेदारी भी खुद ही उठा रहे हैं.