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शिक्षक की अनोखी पहल, बाइक पर ब्लैकबोर्ड और स्पीकर से गांव-गांव जाकर करवा रहे पढ़ाई - Shahpur Government School

सिंगरौली जिले के शाहपुर शासकीय स्कूल में पदस्थ शिक्षक शरद पांडे ने छात्रों को पढ़ाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया है. वे अपनी बाइक पर ब्लैकबोर्ड और लाउडस्पीकर रखकर गांव-गांव जाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

Teachers reach village with black board and speakers in bike
बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक की अनोखी पहल

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Published : Sep 14, 2020, 12:29 PM IST

Updated : Sep 15, 2020, 1:42 PM IST

सिंगरौली।कोरोना संक्रमण के चलते देशभर के स्कूल बंद हैं. जुलाई में शुरू हो जाने वाला शिक्षण सत्र सितंबर महीने में भी शुरु नहीं हो सका है. जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. ऐसे में जिले के एक शिक्षक ने बच्चों को पढ़ाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया है. जिसके तहत वे बाइक पर ब्लैकबोर्ड और लाउडस्पीकर रखकर गांव-गांव जाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

शिक्षक की अनोखी पहल

दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने स्कूल खोलने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया हुआ है. जिसके चलते बच्चे घर में ही रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं लॉकडाउन-4 के बाद सरकार ने कुछ छूट दी है. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बच्चों को पढ़ाने का निर्देश भी दिए हैं. इसी तहत शाहपुर शासकीय स्कूल में पदस्थ शिक्षक शरद पांडे अपनी बाइक में लाउडस्पीकर रेडियो और बोर्ड लेकर गांव-गांव जाते हैं और वहां बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए इतना समर्पित हैं कि अपनी इसके लिए वे अपनी सैलरी तक लगा देते हैं.

बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखना है

शिक्षक शरद पांडे ने कहा कि हमारे बच्चे हैं और इन्हीं के वजह से हम हैं. इनके लिए जितना भी हमारी क्षमता काम करती है, उतना हम उनके लिए करते हैं. उन्होंने बताया कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ, तब से ही उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था. जिसमें बच्चों को जोड़ने का प्रयास किया गया. वहीं जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं था, उनके अगल-बगल के बच्चों को जोड़कर सभी छात्रों तक पहुंचने का प्रयास किया.

शिक्षक ने बताया कि जब सरकार ने आदेश किया कि मोहल्ला क्लास दी जा सकती है, तब उन्होंने इसकी शुरुआत की, लेकिन इस दौरान बच्चों को समझाने में काफी परेशानी होती थी. ऐसे में उनके मन में विचार आया कि क्यों न मोटरसाइकल में ही बोर्ड लगवा दिया जाए, जिससे छात्रों को आसानी से समझाया जा सके. इसके बाद उन्होंने अपने विचार को पूरा किया और छात्रों के भविष्य संवारने में जुट गए. टीचर की इस पहल की पूरे जिले में सराहना हो रही है. वहीं बच्चों के अभिभावक भी बेहद खुश हैं, इतना ही नहीं बच्चे भी शरद पांडे से पढ़ने के लिए काफी उत्साहित रहते हैं.

Last Updated : Sep 15, 2020, 1:42 PM IST

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