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जान खतरे में डालकर पढ़ने जा रहे नौनिहाल, ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार करने को मजबूर बच्चे, जानें क्या है वजह - सिंगरौली बच्चे ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार कर रहे

सिंगरौली में ट्रेन के नीचे से तो कभी ट्रेन पर चढ़कर स्कूल जाने को बच्चे मजबूर हैं. यहां ब्रिज निर्माण को अधूरा छोड़ दिया गया, जिसकी वजह से पुल नहीं होने से बच्चों से लेकर ग्रामीणों को हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर ये कदम उठाना पड़ता है.(Singrauli students risking life for study) (Singrauli children cross track from under train)

singrauli children cross track from under train
सिंगरौली बच्चे ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार कर रहे

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Published : Nov 4, 2022, 11:10 PM IST

सिंगौरली।एमपी के सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र के गजरा बहरा खनुआ में अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चे स्कूल जाने को मजबूर हैं. बच्चे प्रतिदिन रेलवे ट्रैक को क्रॉस करने के बाद ट्रेन के नीचे से और ट्रेन के ऊपर चढ़कर अपनी जान हथेली पर रखकर स्कूल जाने को मजबूर हैं. आसपास के गांव के स्कूली बच्चे ही नहीं ग्रामीण बुजुर्ग महिलाएं भी गांव के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए ट्रेन के नीचे से और ट्रेन पर चढ़कर क्रॉस करते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि कई वर्षों से चल रहे ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ और ऐसे में कभी भी एक बड़ा हादसा हो सकता है.

सिंगरौली बच्चे ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार कर रहे

ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार करने को मजबूर बच्चे: मामला जिले के गजराबहरा गांव का है. यहां रेलवे ट्रैक को पार करने के लिए खड़ी ट्रेन के नीचे से पार करना पड़ता है. इस रेलवे स्टेशन पर ज्यादातर समय ट्रेनें खड़ी रहती है. खासकर मालगाड़ी घंटों खड़ी रहती है. ऐसे में स्कूली बच्चों समेत गांव के लोग ट्रेन के नीचे से होकर ट्रैक पार कर आगे की सफर करते हैं. 1000 स्कूली बच्चों सहित 5 हजार की आबादी हर रोज इस मजबूरी से गुजरती है. मरीजों को भी इसी मुसीबत से गुजरना पड़ता है.

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3 साल पहले प्रारंभ हुआ था ब्रिज निर्माण:इस गांव में रेलवे ब्रिज के निर्माण के लिए 3 वर्ष पहले ही ठेकेदार ने कार्य प्रारंभ किया, लेकिन निर्माण कार्य को बीच में ही छोड़ दिया गया. इसकी वजह से यह ब्रिज अधूरा पड़ा है. जिस वजह से जान जोखिम में डालकर गांव के लोग रेलवे ट्रैक को पार कर दूसरे गांव में जाते हैं. इस स्टेशन पर ज्यादातर ट्रेनें अधिक समय तक खड़ी रहती हैं. इस रेलवे ट्रैक को पार कराने के लिए सुबह के समय बच्चों के परिजन भी अपनी मौजूदगी में पटरी पार कराते है, लेकिन लौटते समय बच्चे अकेले ही रेलवे ट्रैक को पार करते हैं. इसी ट्रैक पर पटरियां पार करते समय लोग ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं. इसके बाद भी नैनिहालों की जान जोखिम में डालने का ये सिलसिला जारी है. (Singrauli students risking life for study) (Singrauli children cross track from under train)

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