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Scrub Typhus: सिंगरौली में मिले स्क्रब टायफस के 56 मरीज, जानें क्या है यह बीमारी, कैसे करें बचाव - स्क्रब टायफस कैसे होता है

सिंगरौली में स्क्रब टायफस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है स्क्रब टायफस 56 मरीज सामने आए हैं. सभी मरीजों का ट्रामा सेंटर और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. डॉक्टर के अनुसार यह बीमारी एक कीड़े के काटने से होती है और चूहा इस बीमारी का सर्वाइवर है. बीमारी के लक्षण दिखते ही तुरंत जिला चिकित्सालय पहुंचकर अपने बीमारी की जांच कराकर इलाज कराएं. (scrub typhus patient in mp) (what is scrub typhus) (singrauli scrub typhus)

singrauli scrub typhus
सिंगरौली स्क्रब टायफस

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Published : Oct 1, 2022, 7:35 PM IST

सिंगरौली। जिले में स्क्रब टायफस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिले में करीब 56 मरीज स्क्रब टायफस के पाए गए हैं जो जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर और निजी अस्पतालों में भर्ती किए गए हैं. सितंबर माह में 70 लोगों का ट्रामा सेंटर में जांच किया गया जिसमें स्क्रब टायफस के 23 मरीज मिले हैं. सिंगरौली ट्रामा सेंटर के डॉ. राजेश वैश्य ने बताया कि यह बीमारी कीड़े के काटने से होती है और चूहा इस बीमारी का सर्वाइवर है. बीमारी का मुख्य लक्षण बुखार, शरीर में दर्द और दाने निकलना है. (scrub typhus patient in mp)

सिंगरौली स्क्रब टायफस

बीमार होने पर क्या करें: डॉक्टरों के मुताबिक यह सामान्य बुखार नहीं है. लक्षण महसूस होने या दिखाई देने पर तुरंत जिला चिकित्सालय पहुंचे और अपने बीमारी की जांच कराकर इलाज कराएं. सही समय पर इसका इलाज मिलेने से मरीज जल्द ही ठीक हो सकता है. यह बीमारी ज्यादातर गांव में रहने वाले और खेती किसानी करने वालों को होती है, लेकिन समय पर इलाज मिलने से मरीज ठीक हो सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि स्क्रव टायफस बुखार से डरने की आवश्यकता नहीं है. इस बीमारी से बचने के लिए खेती करने वाले किसान और जंगली इलाकों में जाने वाले लोग फुल कपड़े पहने, हाथों में ग्लब्ज और पैर में जूते पहनकर ही जाएं. तभी आप सुरक्षित रह सकते हैं.

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कैसे बचेंस्क्रब टाइफस से ? (Protection Against Scrub Typhus)

  • संक्रमित घुन और पिस्सुओं से बचाव के लिए शरीर पर लगाने वाली क्रीम रिपेलेन्ट का उपयोग करें.
  • खेत, जंगल, झाडिय़ों में जब भी जाएं पूरे कपड़े पहन कर जाएं.
  • खुले स्थान पर घुन या पिस्सू न काट सकें, इसके लिए संबंधित क्रीम लगाएं.
  • प्रभावित क्षेत्रों में घास फूस और झाड़ियों पर बैठें या सोएं नहीं.
  • घर के आसपास की घास फूस और झाड़ियों को काट कर जला दें.
  • घर मे साफ साफाई रखे, खाने को खुला न रखें.
  • शरीर को साबुन से धोएं और मोटे कपड़े से रगड़कर साफ करें.
  • चूहों से दूरी बना कर रखें.

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