सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले को कोयले के उत्पादन की वजह से प्रदेश में उर्जा नगरी के नाम से जाना जाता है. जिले में इन दिनों कोयले का ट्रांसपोर्ट पिछले 7 दिनों से बिल्कुल ठप हो गया है, सिंगरौली मोटर एसोसिएशन द्वारा की जा रही हड़ताल है. 1 सितंबर से मोटर एसोसिएशन हड़ताल पर हैं. किराया घटाए जाने के विरोध को लेकर मोटर एसोसिएशन ट्रांसपोर्ट को ठप कर रखा है. जिससे कोयले का ट्रांसपोर्ट बंद है. ऐसे में कोयले के व्यापार से जुड़े डियो होल्डर एवं ट्रांसपोर्टर्स को बड़ा नुकसान हो रहा है.Singrauli Protest News, Singrauli Motor Association protest
लोकल लोगों को मिलना चाहिए पहला अधिकार: जानकारी के अनुसार कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एनसीएल की खदानों में सिंगरौली मोटर एसोसिएशन 1 सितंबर 2022 से डीओ होल्डर के द्वारा 100 प्रति टन के करीब भाड़े को घटाए जाने से नाराज हैं. जिसका विरोध 1 सितंबर से मोटर एसोसिएशन लगातार कर रहा है और हड़ताल पर है. हड़ताल का असर कुछ ऐसा है कि सभी खदानों में ट्रांसपोर्टर्स ने अपने-अपने इच्छा से गाड़ियों को बंद कर दिया और बाहर से आए हुए ट्रांसपोर्टर एवं गाड़ी में को भी हटाने का विरोध कर रहे हैं. वहीं सिंगरौली मोटर एसोसिएशन का यह कहना है कि जो लोग यहां के निवासी हैं, सबसे पहला अधिकार उनका है. उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. कमीशन के चक्कर में सारे लोगों की गाड़ियों को सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन लोकल लोगों को उसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. उसके साथ-साथ जो किराया घटाया गया है, वह जब तक डीओ होल्डर ट्रांसपोर्टर को नहीं देते तब तक गाड़ियां नहीं चलेंगी और कोयले का ट्रांसपोर्ट ठप रहेगा.