सीधी/सिंगरौली। विंध्य अंचल की सीधी लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को मतदान के साथ ही सभी प्रत्याशियों का सियासी भाग्य ईवीएम में बंद हो जाएगा. जहां बीजेपी की वर्तमान सांसद रीति पाठक का मुकाबला कांग्रेस के अजय सिंह से है. यहां इस बार विकास के साथ-साथ राष्ट्रवाद और जातिवाद का मुद्दा भी हावी नजर आ रहा है.
सीधीः राष्ट्रवाद-जातिवाद ही नहीं इस बार यहां पानी-रोजगार है बड़ा मुद्दा - अजय सिंह
सीधी-सिंगरौली लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. सीधी-सिंगरौली क्षेत्र की जनता स्थानीय सांसद रीती पाठक से नाराज है. लोगों का कहना है कि रीति पाठक के ज्यादातर वादे अधूरे हैं. इसलिए इस बार का सांसद ऐसा होना चाहिए जो इन समस्यायों को सुलझाने का काम करे.
सीधी-सिंगरौली क्षेत्र की जनता स्थानीय सांसद रीती पाठक से नाराज है. लोगों का कहना है कि रीति पाठक के ज्यादातर वादे अधूरे हैं. देवसर विधानसभा क्षेत्र की जनता का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाएं तक मयस्सर नहीं हैं. ग्रामीण अंचल से घिरे सीधी संसदीय क्षेत्र की जनता का कहना है कि पानी और रोजगार यहां की बड़ी समस्यायों में से एक है. इसलिए इस बार का सांसद ऐसा होना चाहिए जो इन समस्यायों को सुलझाने का काम करे.
वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि इस बार का चुनाव तो विकास के मुद्दों से इतर राष्ट्रवाद के मुद्दो पर लड़ा जा रहा है. जिसका असर सीधी सीट पर भी देखने को मिल रहा है. सीधी-सिंगरौली में एक तरफ जहां क्षेत्र की जनता समस्यायों से परेशान है, वहीं मतदान के प्रति उनकी उत्सुकता से प्रत्याशियों की धड़कने तेज हो रही हैं क्योंकि इस बार सीधी सिंगरौली की जनता केवल विकास के मुद्दों पर ही वोट डालने का मन बना रही है.