सिंगरौली। जिस जिले के पास दूसरे जिलों से जुड़ने के लिए एक अदद सड़क ना हो और ऐसे में करोड़ों रुपये एयरपोर्ट के लिए खर्च किए जाएं, तो उस जिले का इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा. कुछ ऐसी ही हालत सिंगरौली जिले की है. लगभग 10 साल पहले सीधी से अलग कर सिंगरौली को नए जिले के रूप में स्थापित किया गया और ख्वाब सिंगापुर का दिखाया गया था, लेकिन सीधी से सिंगरौली को जोड़ने वाला नेशनल हाइवे पिछले 10 साल से अधूरा पड़ा है.
10 साल से निर्माणाधीन है नेशनल हाईवे 39 10 साल से निर्माणाधीन है हाईवे
प्रदेश में जब सरकार भाजपा की थी, तो कांग्रेस सड़कों पर धान रोप रहे थे और अब सरकार कांग्रेस की है तो भी दोष सरकार को ही दिया जा रहा है. अंतर सिर्फ इतना है कि अब आरोप लगाने वाले अब भाजपाई हो गए हैं. लेकिन सड़क बन जाए, इसके लिए प्रयास तक नहीं किए जा रहे हैं. 100 किलोमीटर का नेशनल हाईवे पिछले 10 साल से निर्माणाधीन है.
बीजेपी नेताओं के आरोप
600 करोड़ रुपए का हाईवे अब 11 सौ करोड़ रुपए का हो गया, लेकिन चलने लायक आज तक नहीं बन पाया. भाजपाइयों का आरोप है की, जिस तरह से सरकार के मंत्री सिंगरौली में एयरपोर्ट बनाने के लिए पैसे दे रहे हैं, उन्हें पहले चाहिए कि सिंगरौली को सीधी से जोड़ने वाली सड़क बना दें. फिर एयरपोर्ट बनवाएं.
खनिज मंत्री के पास नहीं है जवाब
अभी हाल ही में सिंगरौली दौरे पर आए खनिज मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री प्रदीप जयसवाल यह मान रहे थे कि, सड़कें खराब हैं. इसके बावजूद डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड से 35 करोड़ की राशि हवाई पट्टी बनाने के लिए जारी करवा दी गई, लेकिन सड़कों के प्रति उनकी बेरुखी साफ दिख रही है, क्योंकि वह नेशनल हाईवे है, उसके लिए प्रयास भी नहीं किए जा रहे हैं. मंत्रीजी कह जरूर रहे हैं एयरपोर्ट के साथ-साथ सड़क भी बनवाई जाएगी पर कैसे इसका जवाब उनके पास भी नहीं है.