सिंगरौली। रिलायंस कंपनी द्वारा विस्थापतियों को दिखाई गए नौकरी, घर के सपने सपने जैसे ही बनकर रह गए है. एक दशक से भी ज्यादा समय बीत जाने पर लोग नौकरी और पुनर्वास के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. मामले में जिला कलेक्टर विस्थापितों को नौकरी दिए जाने की बात कर रहे हैं. लेकिन विस्थापितों के लिए नौकरी पाना फिलहाल किसी सपने जैसा है.
रिलायंस कंपनी ने अब तक नहीं दी विस्थापितों को नौकरी और पुनर्वास सुविधा, एक दशक से परेशान है ये लोग
सिंगरौली में रिलायंस कंपनी द्वारा कुछ विस्थापितों को विस्थापन एक दशक बीत जाने के बाद भी लोगों को नौकरी व पुनर्वास नीति का पालन नहीं किया गया है. जिससे विस्थापित परेशान है.
विस्थापित भगवान दास साहू ने बताया कि 2011 से लगातार जनसुनवाई में लेटर दिया इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री को भी मामले से अवगत कराया गया था. लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है. वहीं मामले में सिंगरौली कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि रिलायंस कंपनी द्वारा किसी कान्ट्रैक्ट के तहत रिलायंस कंपनी द्वारा नौकरी दिए जाने की बात कही जा रही है.
सिंगरौली में पिछले 10 सालों से रिलायंस कंपनी विस्थापितों को रिलायंस द्वारा नौकरी दिए जाने के सपने दिखाए जा रहे हैं. लेकिन हर बार की तरह रिलायंस कंपनी ग्रामीणों को सिर्फ और सिर्फ नौकरी और पुनर्वास का आश्वासन देकर ग्रामीणों को झांसे में लेती है.