सिंगरौली। रिलायंस पावर प्लांट के सैकड़ों विस्थापित लगातार दो दिन से 12 मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हुए है. उनका कहना है कि कंपनी 10 साल बाद भी अपने अनुबंध का पालन नहीं कर पाई है.
विस्थापित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे विस्थापितों का कहना है कि, जिला प्रशासन और कंपनी प्रबंधन के बीच जो अनुबंध हुआ था, उसका आज तक पालन नहीं हो पाया है. जिसके चलते विस्थापितों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. हालात ऐसे बन गए है कि, विस्थापितों को बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है. विस्थापितों का कहना है कि आज तक किसी को स्थायी नौकरी तक नहीं मिल पाई है.
विस्थापितों को भत्ता भी नहीं मिला है और जो भत्ता मिला है वो पर्याप्त नहीं है, क्योंकि सात हजार रुपये में जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है जबकि विस्थापितों को स्थाई नौकरी देने का लालच दिया गया था. उनका कहना है कि अब न तो कंपनी साथ दे रही है और न ही प्रसाशन ध्यान दे रहा है. जनप्रतिनिधियों से भी इस मामले में उदासीनता ही मिल रही है. यही कारण है कि बीते 10 सालों से विस्थापितों की समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ती चली जा रही हैं.
इस मामले पर कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि जिन विस्थापितों को रोजगार या भत्ता अभी तक नहीं मिल पाया है, उनका निराकरण करने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए समय-समय पर कैम्प भी लगाया जा रहा है.