सिंगरौली। प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था ठीक होने के भले ही लाख दावे करे, पर जमीनी हकीकत किसी से छिपी नहीं है. ताजा मामला जिले की चितरंगी तहसील से सामने आया है, जो सूबे में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की तस्दीक कर रहा है. आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र चितरंगी में स्थित शासकीय महाविद्यालय में शिक्षकों की लापरवाही जोरों पर है. जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे लापरवाह शिक्षक, छात्रों की पढ़ाई हो रही प्रभावित - absence of teachers in the government college
राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए लाखों रुपये खर्च करती है. लेकिन वेतन के नाम पर मोटी रकम पाने वाले शिक्षक छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. ताजा मामला चितरंगी तहसील के सरकारी कॉलेज से सामने आया है.
हालात ये हैं कि कॉलेज में छात्र-छात्राएं तो रोज आते हैं, लेकिन लापरवाह शिक्षक उन्हें पढ़ाने की जगह वहां से नदारद रहते हैं. इतना ही नहीं कॉलेज के प्राचार्य अपने परिवार के साथ छुट्टी मना रहे हैं उन्हें छात्रों की पढ़ाई से कोई सरकोर नहीं है. छात्राओं का आरोप है कि प्राचार्य लंबे समय से छुट्टी पर हैं, जबकि कॉलेज के दूसरे शिक्षक पढ़ाने नहीं आते. ऐसे में कोर्स पूरा नहीं हो पाएगा और एग्जाम भी नजदीक आ रहे हैं.
कहने को तो कॉलेज में प्राचार्य सहित पांच शिक्षक पदस्थ्य हैं, लेकिन पढ़ाई के नाम पर छात्रों के साथ एक तरह से मजाक किया जा रहा है. कुछ स्टूडेंट प्रतिदिन 20 किलोमीटर दूर केवल इसलिए आते हैं कि उनका कोर्स पूरा हो जाए और वे परीक्षा में पास हो जाएं लेकिन लापरवाह शिक्षक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे.