सीधी। आधुनिकता के इस दौर में सीधी जिले में आजादी के 70 साल बाद भी ऐसे अनेक ग्रामीण इलाके हैं, जहां पीने के पानी के लिए लोगों को बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती है. इतना ही नहीं पीने का पानी नहीं मिलने के कारण लोगों को नदी-नालों में ठहरा हुआ गंदा पानी पीना पड़ रहा है. जिले में नल-जल योजना के तहत बनी टंकियां और हजारों हैंडपंप हवा उगल रहे हैं तो वहीं जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए मान रहे हैं कि जिले में अभी पानी का संकट नहीं है.
सीधी जिले में लोगों की प्यास बुझाने के लिए सरकार ने गांव-गांव में करीब 20 हजार हैंड पम्प खुदवाए गए, 300 गांव में नल-जल योजना के तहत लाखों खर्च कर पानी के टंकी बनाई गई, घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाई गई, बावजूद इसके ग्रामीण इलाके में अब भी पानी की समस्या विकराल है. हालात ये हैं कि जिले में आधे से अधिक हैंडपम्प खराब पड़े हैं. आधे पम्प पानी जगह हवा उगल रहे हैं और टंकियां शोपीस बनी खड़ी हैं. लोग नालों में गड्ढे खोद कर गंदा पानी पी रहे हैं, घर से दूर चिलचिलाती धूप में महिलाएं पानी लाने में ही आधा दिन गुजार देती हैं.