सीधी। शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार से विंध्य की जनता नाराज नजर आ रही है. सीधी जिले के लोगों का आरोप है विधानसभा चुनाव में विंध्य से ही बीजेपी के सबसे ज्यादा विधायक जीते थे. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा की गई है. सिंधिया समर्थकों के चलते बीजेपी का सामाजिक और भौगोलिक गणित बिगड़ गया. विधानसभा की 24 सीटोें पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल में चंबल-ग्वालियर का पलड़ा तो भारी हो गया. लेकिन विंध्य को पर्याप्त स्थान नहीं मिला. जिससे विंध्य में सियासी गर्माहट पैदा होने लगी है और विंध्य क्षेत्र की जनता की उम्मीदों पर पानी फिर गया है, जिसे लेकर स्थानीय जनता में नाराजगी देखी जा रही है.
विंध्य की जनता ने मंत्रिमंडल विस्तार में लगाया उपेक्षा का आरोप, कहा-नहीं मिला पर्याप्त स्थान
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके 22 समर्थकों के साथ सत्ता संतुलन साधने में मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी का सामाजिक और भौगोलिक गणित बिगड़ गया, 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र से बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी. लेकिन यहां के विधायकों को मंत्रिमंडल में पर्याप्त जगह न मिलने पर क्षेत्र के लोगों ने उपेक्षा आरोप लगाया है.
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री मंडल विस्तार के पहले लोगो ने उम्मीद लगाए रखी थी कि विंध्य क्षेत्र से केदार नाथ शुक्ला को मंत्री मंडल में स्थान मिलेगा. जबकि रीवा से राजेन्द्र शुक्ल के भी मंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी. लेकिन शिवराज सिंह चौहान के नए मंत्रिमंडल में पूरे विंध्य को नजर अंदाज कर दिया गया. हालांकी अनूपपुर से बिसाहूलाल सिंह को मंत्री बनाया गया है, लेकिन उन्हें कांग्रेस से आने के कारण महत्व मिला इसलिए क्षेत्र के लोग मंत्रीमंडल में उनके नेतृत्व से खुश नहीं हैं.
सीधी सहित पूरे विंध्य क्षेत्र में मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से क्षेत्र की जनता आक्रोश में है. लोगों को उम्मीद थी कि सीधी से बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला जो चार बार विधायक चुने गए हैं उन्हें मौका दिया जाएगा. वहीं इसके अलावा रीवा, सतना, शहडोल और सिंगरौली की उपेक्षा से भी लोग नाराज हैं. अब देखना होगा कि शिवराज सरकार विंध्य की जनता को कैसे संतुष्ट करेगी.