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अजब एमपी का गजब बैंक! 12 साल से एक ही खाता संख्या से चल रहे दो एकाउंट

सीधी के एक बैंक में बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां पर दो खाताधारकों का एक ही बैंक अकाउंट है. यही नहीं दोनों सालों से लेनदेन करते हुए भी आ रहे हैं. जब मामला प्रकाश में आया तो बैंक अधिकारी जवाब भी नहीं दे सके.

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सीधी न्यूज

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Published : Aug 13, 2021, 2:41 PM IST

सीधी। जिले के एक बैंक में बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां पर दो खाताधारकों का एक ही बैंक अकाउंट है. यही नहीं दोनों सालों से लेनदेन करते हुए भी आ रहे हैं. जब मामला प्रकाश में आया तो बैंक अधिकारी जवाब भी नहीं दे सके.

12 साल से एक खाता संख्या के दो एकाउंट
दरअसल, जिले के मझौली स्थित इलाहाबाद बैंक (अब इंडियन बैंक में मर्ज हो गया है) के अधिकारियों और कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई है. बैंक ने एक जैसे नाम वाले दो व्यक्तियों का एक ही खाता खोल दिया. दोनों व्यक्ति 12 साल से अधिक समय से अलग-अलग उस खाते में रकम जमा करते और निकालते आ रहे हैं. बैंक अधिकारी आज तक इस मामले को पकड़ नहीं पाए हैं और न ही खाताधारकों ने इस ओर ध्यान दिया.

दो अगस्त को हुआ खुलासा
दो खाता धारकों का एक खाता नंबर होने का खुलासा दो अगस्त को हुआ. जब एक व्यक्ति के खाते में तेंदूपत्ता की राशि डाली गई और दूसरे के बेटे ने राशि डाली गई. तब तक तेंदूपत्ता की राशि पाने वाले राजू साहू पिता मनोहर साहू निवासी ग्राम पंचायत धनौली बैंक गया. उसने अपने खाते से 15000 रुपये निकाले और घर चला गया.

आनन-फानन में राजू साहू के घर पहुंचे बैंक कर्मचारी
उसके बाद दूसरा राजू साहू पिता दद्दी साहू बैंक पहुंच कर अपना खाता चेक करवाता है, तो हैरान रह रह जाता है. उसके खाते से पैसे निकल गए होते हैं. इसकी शिकायत राजू साहू जब बैंक अधिकारियों से करता है, तो अधिकारियों की नींद खुलती है. आनन-फानन में दो दिन बाद बैंक का कर्मचारी राजू साहू पिता मनोहर साहु के घर पहुंचकर उसे गलत खाते से पैसे निकालने की जानकारी देता है.

गलती के बाद अजीबो-गरीब दिया बयान
बैंक जाकर जब इसकी विधिवत जानकारी ली गई, तो पता चला कि राजू साहू नाम के दो व्यक्ति हैं. दोनों को खाता संख्या एक ही है. बैंक अधिकारी रवि कांत पांडे ने कहा कि गलतियां सबसे हो जाती हैं. ऐसा ही इन दोनों खातों के साथ हुआ है. इन दोनों खातों को सुधारा जाएगा. जबकि यह खाता 12 साल पहले खुले थे.

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मीडिया ने जब पासबुक की फोटो लेनी चाही, तो बैंक मैनेजर रवि कांत पांडे ने एक राजू साहू की पासबुक से फोटो निकाल ली. इस पर राजू रोने लगा और बोला कि उसने फोटो के साथ पासबुक जमा की है, तो फोटो कहां गई. तब बैंक मैनेजर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि मैं फोटो चिपका देता हूं, क्षमा करें. इससे पता चलता है कि कहीं न कहीं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से इस तरह के काम हो रहे हैं.

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