सीधी। सीधी कलेक्टर की जनसुनवाई मजाक बनकर रह गई है. जहां दूर-दराज से ग्रामीण बड़े ही उम्मीद से कलेक्टर के पास अपनी फरियाद लेकर आते हैं, लेकिन ग्रामीणों को केवल निराशा ही हाथ लग रही है. फरियादियों का आरोप है कि कई बार जनसुनवाई में अधिकारियों से फरियाद कर चुके हैं, पर महीनों बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
कलेक्टर जनसुनवाई बनी मजाक! ग्रामीणों का आरोप- नहीं होती सुनवाई
सीधी में जनसुवाई महज औपचारिकता बनकर रह गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि 8 से 10 बार शिकायत करने के बाद भी उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है.
हर मंगलवार को 300 से 400 आवेदन आते हैं. ऐसे में ग्रामीणों का आरोप है कि उन आवेदनों को कचरे में फेंक दिया जाता है. फरियादी का कहना है कि वे दूर-दराज से किराया लगाकर इसी उम्मीद में जनसुनवाई में पहुंचते हैं कि कलेक्टर उनकी समस्या का समाधान करेंगे, उन्हें न्याय दिलाएंगे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है.
एक अन्य ग्रामीण का आरोप है कि जनसुनवाई के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है. जनसुनवाई के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जा रही है. कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई सुनावाई नहीं हो रही है. इस मामले में तहसीलदार लक्ष्मीकांत मिश्रा का दावा है कि सभी की समस्याओं का निराकरण किया जाता है. किसी समस्या को निपटाने में समय लगता है तो कोई समस्या जल्द निपटा दिया जाता है.