सीधी।मध्यप्रदेश के सीधी जिले में जंगलों के बीच एक ऐसा गांव है, जो अजब गजब मान्यताओं को लेकर चर्चा में रहा है. इस गांव में 35 सालों से बच्चों की किलकारी नहीं गूंजी है. जिसके पीछे यहां के ग्रामीणों में मान्यता है कि घर में बंदूक रखने से बच्चे पैदा होने लगते है. इसे हम अंधविश्वास कहे या आस्था, लेकिन ग्रामीणों की माने तो पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर ने एक परिवार को बंदूक दी थी, जिसके बाद से उस परिवार में संतान पैदा हुई थी. हालांकि इस मान्यता के पीछे कलेक्टर अपनी-अपनी सोच कह रहे है और गांव का दौरा करने की बात कही है.
सीधी जिला मुख्यालय से लगभग 110 किलोमीटर दूर भुइमाड के पास बीहड़ जंगलों के बीच बसे छोटे से गांव हर्रई की आबादी करीब 500 के आसपास है. उनमें एक जाति खैरवार है, जो अपने घर के आंगन में बच्चों की किलकारी के लिए 35 सालों से तरस रहे हैं. इस जाति की मान्यता है कि उनके गांव में पूर्वज पहले ग्रामदेवताओं को बंदूक की सलामी देते थे, लेकिन बंदूक जब्त होने के बाद देवता नाराज हो गए. अगर सरकार और प्रशासन इन्हें बंदूक मुहैया कराती है, तो बच्चे होने लगेंगे.
35 सालों से नहीं गूंजी बच्चों की किलकारी
हर्रई गांव के खैरवार जाति के लोग आज भी अंधविश्वास के बीच अपना जीवन यापन कर रहे है. ये गांव आज भी अंधविश्वास के जाल में इस कदर फंसा हुआ है कि इनका दिल और दिमाग किसी अनजान रास्ते पर चलने लगा है. यहां के लोगों की मान्यता है कि बंदूक होने से ही बच्चे पैदा होंगे, ग्रामीणों का कहना है कि बंदूक नहीं है इसी कारण यहां 35 सालों से बच्चों की किलकारी नहीं गूंजी है.