सीधी। जिले में किसानों के हितों की रक्षा करने का दावा सरकार जरूर करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है. जहां यूरिया की कालाबाजारी और किसानों को खाद नहीं दिया जा रहा है. इसी संबंध में शिवसेना ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है.
यूरिया की कालाबाजारी और खाद संकट को लेकर शिवसेना ने सौंपा ज्ञापन
सीधी जिले में खाद संकट और यूरिया कालाबाजारी रोकने को लेकर शिवसेना ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.
एक ओर जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि किसानों के लिए यूरिया और डीएपी खाद भरपूर मात्रा में पहुंचाई जा चुकी है, वहीं दूसरी तरफ अपने खेतों में यूरिया और खाद डालने के लिए किसान दर-दर भटकने को मजबूर है.
खाद की कालाबाजारी को लेकर शिवसेना ने ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि अमिलिया और चुरहट गांव में खाद का बड़ा संकट है. किसानों को समितियों से खाद नहीं दी जा रही है. एक सप्ताह तक किसान चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. खाद का सरकारी रेट 266 रुपये है, लेकिन यहां 400 से लेकर 500 रुपये में खाद दी जा रही है, जिससे गरीब किसान खाद नहीं खरीद पा रहा है.