सीधी।जिले में सावन के पहले सोमवार के दिन शिवालयों में भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा, भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने बड़ी संख्या में भक्त शिव मंदिरों में पहुंचे. जिले का प्रसिद्ध बढ़ौरा मन्दिर भक्तों के लिये आस्था का केंद्र रहा है. जहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी की जाती, जहां दूर-दूर से श्रद्धालू पहुंचे हैं.
सीधी: सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़ - sidhi news
सीहोर जिले में सावन सोमवार के पहले दिन शिवालयों में भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा, भगवान भोलेनाथ का जल अभिषेक करने शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी गई.
![सीधी: सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़ Shivalayas gathered on the first Monday of Sawan in Sidhi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7921363-814-7921363-1594060733700.jpg)
जिले का बढ़ौरा नाथ मन्दिर सन 1940 मे अस्त्तिव में आया, कहा जाता है की यहां भगवान स्वंय निकले थे, स्थानीय राजा को एक रात सपना आया की मैं स्वयं जमीन से बाहर निकल चुका हूं, जहां निकला हूं वह जमीन तुम्हारी है. राजा सुबह-सुबह भागा आया और सपने में बताये गये स्थान पर पहुंचा, जहां राजा ने देखा तो जमीन से एक शिवलिग निकला हुआ दिखाई दिया. लेकिन राजा ने देखा और चला गया. इधर भगवन शिव की पिन्डी जमीन से लगातर उपर निकल रही थी. इस दौरान राजा को नुकसान होने लगा घर में बिमारी ने घेर लिया, मान सम्मान घटने लगा.
तब एक रात फिर सपना आया की राजन शिव जहां स्वयंभू निकले हैं, उस स्थान पर मंदिर बनाना है, लेकिन उस स्थान पर राजा नहीं जायेगे. राजा कहां मानने वाले थे, वह भी अपने हठ पर अडे रहे, इधर राजा मन्दिर बनवाने लगे, लेकिन जैसे ही रात हो मन्दिर अपने आप धराशायी हो जाता, इस तरह अनेक बार मन्दिर बनवाने की कोशिश की लेकिन मन्दिर रात होते ही गिर जाता था. जिसकी वजह से जिस जगह शिवलिंग है, वहां आज तक मन्दिर नहीं बन पाया, इस मन्दिर में भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. शिवरात्रि और सावन के सोमवार को भक्तों का तांता लगा रहता है, हालांकि इस बार लॉकडाऊन की वजह से लोग शिवपिन्डी तक नहीं पहुंच पाये. मुख्य गेट बंद कर दिया गया था, जिससे लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए भगवान शिव की आराधना करते रहे और अपनी मन्नते मांगते रहे.