सीधी। जिले में निजी कंपनी को तीन वर्षों के लिए गोपद नदी से रेत खनन करने की अनुमति मिली है, लेकिन कंपनी को मशीनों से रेत खनन करने की अनुमति नहीं है, बावजूद इसके कंपनी रेत माफियाओं के साथ मिलकर नदी की मुख्य धारा को बदलकर उसके अंदर सड़क बनाना चाहती है.
मशीनों से हो रहा रेत खनन, बेरोजगार होते मजदूर - रेत खनन
सीधी जिले में मशीनों के जरिये रेत खनन किया जा रहा है, जिसके चलते मजदूरों के सामने रोजगार का संकट छाने लगा है.
नदी में मशीनों से रेत खनन करने पर जहां जलजीवों को खतरा है, वहीं रेत लोडिंग से जुड़े मजदूरों के सामने बेरोजगारी का संकट छाया है. ग्रामीणों ने इसका कई बार विरोध किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और रेत माफिया के सांठ-गाठ से रेत खनन का आरोप लगाया है.
सिंगरौली के खनिज अधिकारी को जब से सीधी जिले के खनिज विभाग का प्रभार सौंपा गया है. तब से यहां खनिज माफियाओं का बोलबाला है. सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर खनिज संपदा का दोहन किया जा रहा है.