सीधी। शहर में नियमों को ताक में रखकर गोपद नदी से रेत का उत्खनन किया जा रहा है. नदियों के अंदर बड़ी जेसीबी वाहन के जरिये पानी की मुख्य धारा को रोककर सड़क बना दी गई है. श्रमिकों से रेत उत्खनन कराने की बजाय जेसीबी वाहन से नदी का सीना चीरकर रेत का उत्खनन कर रहा है. बड़े वाहनों को नदियों के अंदर से ही लोडिंग की जा रही है, जबकि खदान संचालन की अनुमति की शर्तों के अनुरूप जेसीबी वाहन से रेत का उत्खनन नहीं किया जा सकता, बल्कि श्रमिकों से रेत का उत्खनन कराना है.
नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा रेत उत्खनन, प्रशासन बना मौन - Excavation and Transport Games
सीधी जिले में पंचायत के द्वारा संचालित रेत खदानों में सभी नियम और कायदों को दरकिनार करते हुए रेत का उत्खनन किया जा रहा है. गोपद नदी में मशीनों से नदियों का सीना चीरकर रेत निकालकर बड़े वाहनों में उत्खनन और परिवहन का खेल खदान संचालकों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है, लेकिन खनिज अधिकारी अनजान बने हुए है.

प्रशासन जानबूझकर अंजान बना हुआ है और संविदाकार एनजीटी के निर्देश की धज्जियां उड़ा रहे है. सरकार ने ग्राम पंचायत को रेत उत्खनन करने की जिम्मेदारी सौंपी है. गांव के श्रमिकों ने बताया कि गांव के किसी भी श्रमिकों को कोई काम नहीं दिया गया है. प्रशासन के इशारे पर ग्राम पंचायत सरपंच रेत खदान चला रहे हैं.
जिले में सोन और गोपद नदी में 209 किलोमीटर सोन घड़ियाल अभ्यारण के लिए आरक्षित है, जहां कई बड़े जलीय जीव रहते हैं. पानी वाले क्षेत्र से रेत का उत्खनन करने से जलीय जीवों को कोई खतरा उत्पन्न हो सकता है, लेकिन भुमका डोल निधपुरी सहित वारपान रेत खदान में खुलेआम जेसीबी मशीन लगाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है.
रेत उत्खनन मामले में बीजेपी सांसद रीति पाठक प्रदेश सरकार को दोषी मान रही हैं, वहीं मापदंड निर्धारित करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है. अगर ऐसी व्यवस्था है तो सरकार की कार्यप्रणाली और नीति पर अंकुश लगना चाहिए. वहीं अपर कलेक्टर डीपी वर्मन जांच और कर्रवाई का भरोसा दिला रहे हैं.