सीधी।बसंत पंचमी के दिन सीधी में हुए भीषण सड़क हादसे में अभी तक 53 जिंदगियां मौत के मुंह में समा चुकी है. नहर में एक और जिंदगी को तलाशने के लिए रेस्क्यू जारी है. अभी तक हादसे में 53 लोगों की मौत हो चुकी है. नहर में लापता तीन में से दो लोगों के शव एसडीआरएफ-एनडीआरएफ और होमगार्ड के जवानों ने तलाश लिए हैं, लेकिन एक की तलाश जारी है.
दो शव हुए बरामद
शुक्रवार सुबह से शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन में पहले टीकर नहर में सुरंग से 500 मीटर की दूरी पर एसडीआरएफ-एनडीआरएफ और होमगार्ड जवानों को एक शव मिला था. वहीं कुछ देर बाद टनल से तीन किलोमीटर दूर एक और शव मिल गया है. बताया जा रहा है कि सीधी के नूतन कॉलोनी के रहने वाले रमेश विश्ववकर्मा का शव बरामद हुआ है.
सीधी बस हादसे में अब भी लापता है यात्री
सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र स्थित पाटन नहर में 2 दिन पहले हुए भीषण सड़क हादसे में तकरीबन 53 लोग काल के गाल में समा गए थे. जिसके बाद प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ था. अब लगातार जांच की बात करते हुए अन्य लापता लोगों की तलाश कर रहा है. सड़क हादसे के बाद शुरू हुए सर्च ऑपरेशन में मंगलवार को 47 लोगों को शव बरामद हुए थे. बुधवार को टीम ने तीन शव नहर से निकाले थे. जबकि गुरूवार को पूरे दिन सर्च ऑपरेशन चलता रहा है, लेकिन एक भी शव टीम को नहीं मिला. वहीं आज फिर सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ है, जहां आज दो शव तलाश लिए गए हैं. अभी रेस्क्यू जारी है.
सीधी में 51 मौत: टनल में अब भी जिंदगी की तलाश
हादसा कैसे हुआ ?
नहर में गिरी बस जबलनाथ ट्रेवेल्स की थी, जोकि हर दिन छुहिया घाटी के रास्ते सतना जाती थी. हादसे का सबसे बड़ा कारण रास्ते का संकरा होना माना जा रहा है. बस अपने तय रुट नेशनल हाई-वे नंबर 39 से सीधी से सतना जा रही थी, लेकिन घाटी के रास्ते में खराब सड़क और गढ्ढे की वजह से जाम लगा था. ड्राइवर जाम की वजह से बस को संकरे रास्ते से ले गया, जो नहर से लगकर निकलती है. ड्राइवर ने संतुलन खोया और हादसा हो गया.
कहा जा रहा है कि बस की क्षमता 32 सवारियों की थी. इसमें अवैध तरीके से 58 यात्रियों को ले जाया जा रहा था. रूट बदलने और संकरे रास्ते के चलते ये दुर्घटना हुई. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. रेलवे, एनटीपीसी और एएनएम के विभिन्न पदों के लिए एग्जाम के चलते बस में सवारियों की संख्या ज्यादा थी.