सीधी। जिले में सावन माह गुजर जाने के बाद भी बरसात न होने की वजह से किसानों के खेतों में लगी फसल सूखने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन आखिरकार इंद्रदेव प्रसन्न हुए और करीब तीन घण्टे शहर में मूसलाधार बरसात हुई. जिससे शहर पानी से सराबोर हो गया. किसान बरसात की उम्मीद छोड़ चुके थे. बरसात होने से किसान खुश नजर आए. वहीं जिला कृषि अधिकारी इस बरसात को किसानों के लिए वरदान बता रहे हैं.
सीधी में इन दिनों खरीब की 90 प्रतिशत बोवनी हो चुकी है, लेकिन सावन माह गुजर जाने के बाद भी जब इंद्रदेव रुष्ट दिखाई दिए, तो किसानों की चिंता बढ़ना लाजमी था. हाल यह था कि, किसान अपने खेतों में धान, अरहर, मक्का आदि की फसल की बुवाई कर चुके थे. ऐसे में बरसात न होने की वजह से किसानों की चिंता बढ़ने लगी थी. धान की फसल सूखने की कगार पर पहुंची गई थी. ऐसे में आज करीब 3 घण्टे तक झमाझम बरसात होने से लोगों को गर्मी से राहत महसूस हुई. किसानों के लिए खुशी का ठिकाना नही था. अच्छी बरसात होने से शहर पानी मे सराबोर हो गया. किसानों का कहना है कि, लगभग एक माह से पानी न गिरने से खेतों में लगी फसलें तबाह होने की कगार पर पहुंच चुकी थी. कुछ दिन और पानी नहीं गिरता तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता था.
सीधी में लंबे इंतजार के बाद आज झूम कर बरसे बदरा, खिले किसानों के चेहरे - farmers happy
सीधी में लंबे इंतजार के बाद हुई बारिश से सबके चेहरे खिल गए. सावन माह गुजर जाने के बाद भी जब इंद्रदेव रुष्ट दिखाई दिए, तो किसानों की चिंता बढ़ना लाजमी था, लेकिन मंगलवार को जमकर बादल बरसे. जिससे मौसम तो खुशनुमा हुआ ही, साथ ही लोगों को गर्मी से भी राहत मिली.
जिला कृषि अधिकारी राजेश चौहान का कहना है कि, खरीब फसल के लिए 90 फीसदी फसलों की बुवाई हो चुकी है. 10 फीसदी किसान अभी पिछड़े हुए हैं. यह बरसात किसानों के लिए वरदान साबित होगी. बहरहाल सीधी में लंबे इंतजार के बाद जमकर बादल बरसे. जिससे मौसम तो खुशनुमा हुआ ही, साथ ही लोगों को गर्मी से राहत मिली. वहीं किसानों की सूख रही धान की फसल को जैसे अमृत मिल गया हो. वैसे सीधी में इस साल अब तक 500 mm बरसात हुई है. जो आज की तारीख में पिछले साल से 100 mm अधिक है. फिर भी अभी किसानों को बरसात की दरकार है.