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न छत, न शौचालय, अधूरे पीएम आवास को फाइलों में कर दिया पूरा, दीवारों पर लिख दिया नाम

प्रधानमंत्री आवास योजना पंचायतकर्मियों की उदासीनता की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है. आधे-अधूरे बने हितग्राहियों के आवास को सरकारी आंकड़े में पूरा दिखा दिया गया है.

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Published : Oct 13, 2019, 8:24 PM IST

प्रधानमंत्री आवास योजना का बना मजाक,

सीधी। जिले के बेघर हितग्राहियों को मिले प्रधानमंत्री आवास योजना पंचायतकर्मियों की उदासीनता की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, जबकि आधे अधूरे बने हितग्राहियों के आवास को सरकारी आंकड़े में पूरा दिखा दिया गया है. जहां आवास सही सलामत बन भी गये हैं, वहां उन हितग्राहियों के आवास में शौचालय आज तक नहीं बन सका है, जिसके चलते अब जिम्मेदार अधिकारी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दे रहे हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना का बना मजाक

पांच जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में कुल 23 हजार 942 हितग्राही प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित हुये हैं. सरकारी आंकड़ों की माने तो 18 हजार 142 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल चुका है. मात्र 5 हजार 795 हितग्राहियों का आवास अभी पूर्ण रूप से तैयार होना बाकी है, लेकिन कुसमी-मझौली और रामपुर नैकिन के ग्रामीण क्षेत्रों में हालात ये हैं कि हितग्राहियों के आवास अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हैं. साथ ही आवास में छत नहीं पड़ सकी है, लेकिन आवास के दीवार में छपाई पोताई कराकर प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से हितग्राही का नाम दीवार में लिख कर उन आवासों को पंचायत कर्मी और जनपद अधिकारी सरकारी आंकड़े में पूरा दिखा रहे है.

हितग्राहियों के घर मे शौचालय आज तक नहीं बन सका है और लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. एक महिला हितग्राही ने बताया कि शौचालय अभी घर के आस पास नहीं बना सका है, जिसके चलते उन्हें खुले में शौच करने जाना पड़ता है. जनप्रतिनिधियों का कहना है कि आधे आवास तो अधूरे बने हैं. जिसकी दो किश्त मिल गयी है और तीसरी किश्त हितग्राही को नहीं मिल पा रही है, जिससे हितग्राही परेशान है.

हकीकत तो ये है कि जिम्मेदार अधिकारी प्रधानमंत्री आवास योजना को मजाक बना दिये हैं, शौचालय आवासों में बना ही नहीं है. सिर्फ प्रचार का माध्यम बनाकर रह गया है और केंद्र की योजना जिले में झूठ पर आधारित है सिर्फ वोट बनाने का माध्यम बन कर रह गई है.

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