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PDS राशन का गरीबों को नहीं मिल रहा लाभ, कई बार लगा चुके मदद की गुहार

सीधी जिले के सेमरिया से लगे मनकीसर पंचायत में अनेक गरीब परिवारों को शासकीय पीडीएस योजना के तहत राशन नहीं दिया जा रहा है. जिसके लिए गरीबों ने कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है. वहीं ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत कर्मियों की मिलीभगत से गरीबों का राशन हड़पा जा रहा है.

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Published : Sep 10, 2020, 9:37 AM IST

upset villagers
परेशान ग्रामीण

सीधी।कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन ने गरीबों की कमर तोड़ ही दी थी, वहीं अब सरकार के दावे भी धरे के धरे रह जाते हैं, जब पीडीएस योजना का लाभ असली हकदारों को ना मिलकर संपन्न लोगों को दिया जाता है. ऐसा ही मामला सीधी जिले के सेमरिया से लगे मनकीसर पंचायत से सामने आया है, जहां अनेक गरीब परिवारों को शासकीय पीडीएस योजना के तहत राशन नहीं दिया जा रहा है. जिसके लिए गरीबों ने कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

PDS राशन का नहीं मिल रहा लाभ

पंचायत कर्मी की मनमानी

मनकीसर पंचायत इन दिनों भ्रष्टाचार के मामले में आगे दिखाई दे रही है, कहीं घटिया सड़क निर्माण तो कहीं गरीबों के पेट पर लात मारी जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कोटेदार की मनमानी के आगे गरीबों को भूखा सोना पड़ रहा है.

सरकार कहती है कि किसी गरीब को खाली पेट नहीं सोने दिया जाएगा, लेकिन इस गांव में तो पंचायत कर्मी ही शासन की सभी योजना का लाभ खुद और अपने चहेतों को देते हैं. किसी गरीब का नाम दो साल से काटा गया हो, तो किसी को पांच साल से राशन नसीब नहीं हो रही है. कई ग्रामीणों को आधा अनाज देकर भगा दिया जाता है, जिससे पंचायत की ग्रामीण जनता परेशान है. इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

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पंचायत के सचिव श्रवण सिंह का कहना है कि ऑनलाइन में नाम नहीं दिखा रहा है तो समझो उनका नाम काट दिया गया है. मैंने अभी ज्वाइन किया है, सारे रिकॉर्ड सभी देखे नहीं है, देखने के बाद ही पता लगेगा.

सीधी जिले में एक पंचायत नहीं बल्कि अनेक पंचायतों में गरीबों के मुंह से निवाला छीन कर उनके हक से महरूम किया जाता है. पंचायतों में सचिव, सरपंच की मिली भगत से ऐसा खेल खेला जाता है. कई बार तो हितग्राही अशिक्षित होने की वजह से पंचायत कर्मियों या कोटेदार द्वारा बोल दिया जाता है कि तुम्हारा नाम कट गया है. अब राशन नहीं मिलेगी. मिट्टी तेल हर महीने पंचायत में पहुंचता है, लेकिन मिलता किसी गरीब को नहीं है, जिससे कहीं ना कहीं प्रशासन को गंभीरता से जांच करने की जरुरत है.

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