सीधी। जिले में ग्राम पंचायतों में गरीबों के हक को कैसे मारा जा रहा है और कैसे उनके मुंह से निवाला छीन कर उन्हें शासकीय राशन से वंचित किया जा रहा है, इसकी एक बानगी पंचायत में देखने को मिलती है. जिस पर पीड़ित ग्रामीणों ने आज जिला कलेक्टर से पंचायत कर्मियों की शिकायत कर जांच की मांग की है. साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना काल मे भी उचित मूल्य दुकान संचालक (कोटेदार) ने उन्हें राशन नहीं दिया. जिससे उनके सामने भूखे मरने की नोबत आ गयी. कलेक्टर ने जांच कर एफआईआर दर्ज करने की बात कही है.
सीधी के कुसमी जनपद पंचायत के तहत पहुंच विहीन डेबा गांव के ग्रामीण आज कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे. इन ग्रामीणों का कहना है कि डेबा गांव जगलों और पहाड़ों के बीच बसा है, जहां सौ फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे यापन करते है. अधिकतर आदिवासी वर्ग जगलों ओर कृषि पर निभर्र रहते है, जिसकी वजह उन्हें सरकार ने अति गरीबी का कार्ड बना कर दे दिया, लेकिन गांव के कोटेदार की दबंगता के चलते इन्हें महीनों से राशन नहीं मिल रहा है, जिससे कई घरों में तो चूल्हा भी नहीं जलता.