सीधी।एक ओर केंद्र सरकार देश को डिजिटल इंडिया बनाने की बात करती है. तो वहीं दूसरी ओर सीधी में आजादी के सात दशक बाद आज भी कई इलाके आधुनिक सुख-सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर हैं. सड़क बिजली पानी की समस्या से तो ग्रामीण जूझते ही हैं. साथ ही कई ऐसे गांव हैं. जहां मोबाइल पर टॉवर नहीं मिलते हैं. ग्रामीणों को किसी पेड़ या ऊंची जगहों पर जाकर बातचीत करनी पड़ती है.
सीधी जिले के कई इलाके के लोग आज भी 19वीं सदी के दौर में जी रहे हैं. यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं. जिले से 24 किलोमीटर दूर पिपरोहर पंचायत में जहां मोबाइल का टॉवर न होने से ग्रामीणों को पेड़ या ऊंची जगहों पर चढ़कर किसी से बात करनी पड़ती है. वो भी बात हो जाये तो गनीमत वरना जरूरी बात करनी हो तो गांव से दूर जहां टॉवर मोबाइल पर दिखता है, लोगों को वहां पहुंचकर अपनी बात करनी पड़ती है.