सीधी। पर्यटकों को लुभाने के लिए वैसे तो अनेक जगह हैं, जिनमें बीरबल का जन्मस्थल, बाणभट्ट का तपस्थल सीधी जिले में ही मौजूद है. जिन्हें सरकार विकसित करने की बात कह रही है. उसमें से एक है संजय टाइगर रिजर्व पार्क, जहां खुले में बाघ विचरण करते हैं. वहीं अन्य जानवरों की भी भरमार है. जहां अब पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है.
संजय टाइगर रिजर्व में खुले में घूमते बाघ पर्यटकों को कर रहे आकर्षित - increase in number of tourists
सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व में बाघ, तेंदुआ सहित अनेक जंगली जानवर खुले में विचरण करते हैं. जिससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
संजय टाइगर रिजर्व में बाघ, तेंदुआ सहित अनेक जंगली जानवर खुले में विचरण करते हैं. यहां की जलवायु जानवरों के लिए अनुकूल है. इस क्षेत्र में जंगल-पहाड़ के अलावा कुछ गांव भी आते हैं, ये अभयारण्य 2376 किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. जिसमें सोन अभयारण्य का 209 किलोमीटर एरिया शामिल है. संजय टाइगर रिजर्व सीधी, सिंगरौली और शहडोल जिले में फैला है, जहां अब पर्यटकों की संख्या अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. संजय टाइगर रिजर्व के संयुक्त संचालक का कहना है कि बाघों के रख-रखाव और खुले में विचरण करते हुए भी उनका पूरा ध्यान रखा जाता है. साथ ही बाघों पर नजर रखी जाती है, जिससे ग्रामीण इलाकों में सतर्कता रहती है.
पार्क में 20 बाघ खुले जंगलों में विचरण करते दिख जाते हैं, जिसमें 5 वयस्क बाघ हैं और 7 अवयस्क हैं, जबकि 8 शावक हैं. इसके अलावा तेंदुआ, चीतल, हिरण, भालू, जंगली सूअर मौजूद हैं, जो जंगलों में विचरण करते हैं. पार्क के संयुक्त संचालक ने बताया कि सभी जानवरों पर नजर रखी जाती है. गर्मी में पानी की जिस एरिया में कमी होती है, वहां कृतिम जल स्रोत बनाकर उनकी प्यास बुझाई जाती है. हाल ही में पर्यटकों को लुभाने के लिए सोन घड़ियाल अभयारण्य के साथ संजय टाइगर रिजर्व, दुबरी टाइगर रिजर्व जैसे अभयारण्य मौजूद हैं.