सीधी। जिले का एमपीआरडीसी ऑफिस वास्तव में गुमनाम सा रहता है. अभी कुछ दिनों पूर्व इस कार्यालय के आला अधिकारियों पर सीएम शिवराज सिंह ने उस समय कार्रवाई की थी जब बघवार बस हादसे 54 लोगों की मौत हो गई थी. जब एमपीआरडीसी विभाग को जिले मे खोजने का प्रयास किया, तो काफी मशक्कत के बाद, पता चला की जमोडी के किसी निजी आवास में लगता है.
नहीं रहते हैं ऑफिस में एक भी कर्मचारी
बता दें कि ऑफिस के समय में भी गेट बंद रहता है और आम तौर पर इस कार्यालय में नही पहुंचा जा सकता है. दरअसल, इस कार्यालय के कई कारनामे हैं. सीधी-सिगरौली से 105 किलोमीटर सडक निर्माण और पैचिंग का काम भी इसी विभाग का है. पिछले दिनों खराब पैचिंग के चलते पूरी सडक खराब हो गई है.
जिला कलेक्टर ने की अधिकारी से बात
जिला कलेक्टर ने जब एमपीआरडीसी के जीएम आशीष पाठक को बुलाकर फटकार लगाई, तो आनन-फानन में गढ्ढे पाटने के लिए ठेकेदार पर दबाव बनाया जाने लगा. वहीं, कुछ जगह ठेकेदार ने जीएम एमपीआरडीसी के कहने पर काम भी किया.
54 लोगों की मौत के बाद से गुमनामी में MPRDC ऑफिस, समस्या के समाधान के लिए कहां जाएं लोग? - सीधी समाचार
सीधी का एमपीआरडीसी ऑफिस जिले से एक हादसे के बाद से गुमनाम सा रहता है. दरअस बीते दिनों बघवार बस हादसे में 54 लोगों की मौत को बाद से हुई कार्रवाई के बाद यहां सब कुछ बदल सा गया है. ऐसे में अगर किसी को समस्या होती है, तो वह कहां जाए इसका अभी कोई समाधान नहीं किया गया है.
एमपीआरडीसी ऑफिस
समस्या के समाधान के लिए कहां जाएं लोग
दरअसल, बीते दिनों 54 लोगों की मौत के बाद यह कार्यालय अभी तक लोगों की नजरों के सामने नहीं आया है. ऐसे में अगर किसी को समस्या होती है, तो वह कहां जाए इसका अभी कोई समाधान नहीं किया गया है. अब देखने वाली बात यह है कि इसमें प्रशासन के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है.