सीधी।कहते हैं भगवान हर जगह रक्षा नहीं कर सकता, इसलिए उसने मां को बनाकर भेजा है. यह बात बैगा समाज की आदिवासी महिला किरण पर बिलकुल सटीक बैठती है. दरअसल किरण के आठ वर्षीय बेटे को तेंदुए (tiger attack in sidhi) मुंह में दबाकर ले गया. जब किरण ने यह देखा तो वह उसके पीछे अकेले ही दौड़ गई और तेंदुए के जबड़े से अपने बेटे को निकाल लायी. सीधी की बहादुर महिला ने तेंदुए से बच्चे को बचाया और अब लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे.
किरण से जब इस घटना के बारे में बात की गई तो उन्होंने सारी दास्तां खुद बतायी-
रविवार शाम 7:00 बजे के आसपास मैं तीनों बच्चों को ठंड से बचाने के लिए घर के पास ही अलाव जलाकर बैठी हुई थी. इस दौरान एक बच्चा गोद में बैठा था और बाकी के दोनों बच्चे अगल-बगल बैठे थे. तभी पीछे से अचानक जंगलीतेंदुएआ गया. चीता मेरे 8 साल के बेटे राहुल को मुंह में दबोचकर ले भागा. मैं उसी हालत में चीखती-चिल्लाती हुई अंधेरे में हीतेंदुएके पीछे भागी. मैंने कुछ नहीं सोचा, जान की परवाह किये बगैर मैं नंगे पैर जंगल की ओर दौड़ पड़ी. जंगल में एक किलोमीटर जाकरतेंदुएरुक गया और मेरे बेटे को पंजों में दबोचकर बैठ गया. मैंने हौसला करते हुएतेंदुएकी ओर बढ़ी. किसी तरह हल्ला मचाते हुए मैंने बच्चे को तो छुड़ा लिया, लेकिनतेंदुएशांत नहीं हुआ. उसने फिर से हम मां-बेटे पर हमला किया. इस बार मैंने हिम्मत दिखाते हुएतेंदुएके पंजे को पीछे की ओर धकेल दिया. तब तक गांव के अन्य लोग आ गये औरतेंदुए वहां से भाग गया. इसके बाद मैं बेहोश हो गई. जब मेरी आंखे खुती तो मैं अस्पताल में थी.