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मंडी के अधिकारियों, कर्मचारियों ने मॉडल एक्ट का किया विरोध, अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - Officer, employees submitted memorandum to Additional Collector

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कृषि उपज मंडियों में अनाज खरीदी कार्य में फेरबदल करते हुए मॉडल एक्ट लागू कर दिया है,  जिसके तहत अनाज खरीदी के लिए निजी कंपनियां भी अब सामने आने लगी हैं. जिसके लेकर मंडी अधिकारी, कर्मचारियों व व्यापारियों ने विरोध जताते हुए अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

Mandi officials, employees submitted a memorandum to the Additional Collector against the Model Act in Sidhi
सीधी में मंडी अधिकारियों,कर्मचारियों ने मॉडल एक्ट के विरोध में अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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Published : May 7, 2020, 5:30 PM IST

सीधी। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कृषि उपज मंडियों में अनाज खरीदी कार्य में फेरबदल करते हुए मॉडल एक्ट लागू कर दिया है, जिसके तहत अनाज खरीदी के लिए निजी कंपनियां भी अब सामने आने लगी हैं. जिसके लेकर मंडी अधिकारी, कर्मचारियों व व्यापारियों ने विरोध जताते हुए अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

सीधी में मंडी अधिकारियों,कर्मचारियों ने मॉडल एक्ट के विरोध में अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

दरअसल, व्यापारियों का कहना है, कृषि उपज मंडी के माध्यम से व्यापारियों द्वारा अनाज खरीदी की जाती थी. जिसका शुल्क भी जमा किया जाता था. लेकिन अब इसमें फेरबदल करते हुए शासन द्वारा निजी कंपनियों को अनाज खरीदी में शामिल किया जा रहा है. जो पूरी तरह से अनुचित है. ऐसा होने से छोटे और मझोले व्यापारी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे. किसानों के अनाज खरीदी का लालच देकर खरीदी करेंगे और राशि भुगतान के बदले अन्य सामग्री, खाद ,बीज अथवा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण देने की बात करेंगे. ऐसे में किसानों पर भी यह मॉडल एक्ट कूड़ाघाट साबित होगा.

मंडी कर्मचारियों और अधिकारियों ने बताया कि, हम बांट व तुलावटी को भी कार्य नहीं मिलेगा. यही नहीं कृषि उपज मंडियों में करीब 10 हजार अधिकारियों, कर्मचारियों और तीन हजार पेंशन धारियों की जीविका पर भी असर पड़ेगा. उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. कृषि मंडी के अधिकारियों,कर्मचारियों द्वारा यह भी मांग की गई है कि, मंडी समिति सेवा मंडी बोर्ड सेवा, राज्य मंडी बोर्ड के स्थान पर लागू किया जाए. अधिकारियों, कर्मचारियों को मध्यप्रदेश शासन का अधिकारी, कर्मचारी घोषित किया जाए. ज्ञापन सौंपने के दौरान अधिकारी,कर्मचारी और व्यापारी शामिल रहे.

बहरहाल मंडी के अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि, निजी कंपनियों को अनाज खरीदी का एक्ट बनाया गया है, जो किसान हम्मालों कर्मचारी, अधिकारियों के हित में नहीं है. जिसे शिवराज सरकार को तुरंत वापस लेना चाहिए. अन्यथा आने वाले समय में मंडी के अधिकारी, कर्मचारी और किसान सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे.

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