सीधी। जिले में जहां एक ओर बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज ग्रामीण पैदल मार्च निकालकर कलेक्टर को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंप रहे हैं. दूसरी तरफ जनता के लिए चलाए जा रहे जनसुनवाई कार्यक्रम में अधिकारी मोबाइल में व्यस्त रहते हैं. ग्रामीण अपनी फरियाद लेकर पहुंचते जरूर हैं लेकिन निराकरण बहुत ही कम फरियादियों का हो पाता है.
सीधी जिले में मजाक बनी जनसुनवाई, अधिकारी मोबाइल में व्यस्त, जनता हो रही त्रस्त
सीधी जिले में जन सम्मान पार्टी के बैनर तले ग्रामीणों ने बुनियादी सुविधाओं के लिए पैदल गांव मार्च निकाल कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. लेकिन इस दौरान जनसुनवाई में अधिकारियों का अलग ही नाजारा देखने को मिला. जहां अधिकतर अधिकारी मोबाइल में व्यस्त दिखे
जनसुनवाई में सैकड़ों ग्रामीण दूर-दूर से आकर अपनी समस्याएं बताते हैं फिर भी ग्रामीणों का बार-बार आना और शिकायत करना यही दर्शाता है कि जनसुनवाई मात्र एक औपचारिकता रह गई है. हर मंगलवार को होने वाली कलेक्टर की इस सुनवाई में अधिकतर अधिकारियों के लिए मोबाइल टाइम पास का बढ़िया साधन बन गया है, जनता की समस्या कैसे सुलझेगी इस बात से इन्हें कोई लेना देना नहीं होता. इन्हें तो बैठकर मोबाइल में शोसल मीडिया चलाने से फुरसत नहीं है.
ग्रामीणो ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
अधिकारियों के इस रवइये के कारण जिले की जनता परेशान है. मंगलवार को जन सम्मान पार्टी के बैनर तले ग्रामीणों ने पैदल मार्च निकाल कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणो का आरोप है कि सड़क पानी बिजली व शिक्षा के अधिकारों से उन्हें वंचित रखा गया है. जिससे गांव के लोग पलायन करने को मजबूर हैं.