सीधी।लॉकडाउन की मंदी से अभी लोग उबर भी नहीं पाए थे कि अब महंगाई की मार पड़ने लगी है. सब्जियों और राशन की आसमान छूती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. आम जनता महंगाई से त्रस्त है. ऐसा ही हाल है आदिवासी जिला सीधी का जहां महंगाई चरम पर है, यहां सब्जी राशन सब के भाव आसमान छू रहे हैं. इस महंगाई की चपेट से डीजल पेट्रोल भी दूर नहीं है. आलम यह है कि बढ़ती महंगाई ने हर किसी को त्रस्त कर दिया है.
40 रुपये प्रति किलो से कम में कोई सब्जी बाजार में उपलब्ध नहीं है, वहीं पेट्रोल और डीजल के लगातर बढ़ते दाम ने भी आम आदमी का बजट विगाड़ दिया है. किराना दुकानदारों का कहना है कि उनकी भी अब कमर टूट चुकी है. व्यापरियों का कहना है कि इतना मंहगा समान कैसे लाए और लाएं भी तो बाजार में बिना मांग के उसे कैसे खपाएं.
सीधी के किराना और डेली नीड्स का सामान रखने वाले दुकानदार का कहना है कि कोरोना के दौरान पर ट्रांसपोर्टेशन ना होने के कारण महंगाई तो बड़ी है, जिस कारण मंहगाई बढ़ गई. वहीं अब लोगों के खानपान में कच्चे आइटम का इस्तेमाल बढ़ने के कारण भी मंहगाई बढ़ गई, क्यों की लॉकडाउन के बाद से कंपनियों ने प्रोडक्शन तो चालू किया लेकिन बाजार नहीं मिल पा रहा है.