सीधी।लॉकडाउन में स्वास्थ्य और पुलिसकर्मी लगातार अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. साथ ही लोगों की सुरक्षा का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. वहीं सीधी जिले में कोरोना वायरस से बचाव में लगे स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी 12-12 घंटे की लगाई गई है, लेकिन उनकी सुविधाओं को नजर अंदाज किया जा रहा है. जो चिलचिलाती धूप में बैठकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन अपने आप को असुरक्षित महसूस भी कर रहे हैं.
कोरोना से जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मी खुद को महसूस कर रहे असुरक्षित
सीधी जिले में कोरोना वायरस से बचाव में लगे स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी 12-12 घंटे की लगाई गई है, लेकिन उनकी सुविधाओं को नजर अंदाज किया जा रहा है. जो चिलचिलाती धूप में बैठकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन इनकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
कोरोना वायरस की जंग में अपनी अहम भूमिका निभा रहे स्वास्थ्य कर्मी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. सीधी शहर के मुख्य चौराहों में लगे स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि, जमोडी तिराहे में 12-12 घंटे की ड्यूटी तो लगा दी गई है, लेकिन ना धूप से बचने के लिए कोई उपाय किए गए हैं और ना पीने की पानी की समुचित व्यवस्था है. चिलचिलाती धूप में ड्यूटी कर रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि, वे सभी लगातार कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के करीब रहते हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है. जिससे इन्हें भी वायरस से संक्रमित होने का भय लगा रहता है.
कोरोना वायरस की जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मी जब अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो आम जनता कितनी असहाय महसूस करती होगी. प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे स्वास्थ्य कर्मी भी सुरक्षित होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें.