मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

सीधी हादसा: अभी दुनिया भी नहीं देखी थी, कि वो पत्ते की तरह बह गई

सीधी बस हादसे में 51 जिंदगियां मौत के मुंह में समा गईं. इस भयावह हादसे में बस में बैठी 5 महीने की मासूम शुभी उर्फ सौम्या अपनी मां के दामन से छूट गई. जो पानी की बहाव के साथ पत्ते की तरह बहती चली गई. 30 घंटे बाद उसका शव जिले की सरहद से 22 किलोमीटर दूर रीवा के गोविदंगढ़ के पास मिला. मासूम का शव उठाते रेस्क्यू टीम के हाथ भी कांप उठे.

By

Published : Feb 18, 2021, 10:57 AM IST

Updated : Mar 4, 2021, 10:20 AM IST

A five-month-old girl died in a direct accident
सीधी हादसे में पांच माह की बच्ची की मौत

सीधी।वो हादसा इतना भयानक था जिसने भी देखा उसकी रूह कांप गई. सीधी बस हादसे में बच्चे-जवान और बूढ़े सब मौत के मुंह में समा गए. 61 यात्रियों से भरी बस में सिर्फ 7 लोग मौत के करीब से जिंदा बच पाए. जबकि 51 लोगों की मौत हो गई. इन्हीं में एक शव उस पांच माह की बच्ची शुभी उर्फ सौम्या का भी था. जिसने अभी दुनिया भी नहीं देखी थी और वो नहर में पत्ते की तरह बह गई. अपने पापा की इस परी की जिंदगी का सफर जन्म के पांच माह बाद ही खत्म हो गया.

सीधी में दर्दनाक बस हादसा

बेटी गोद में लिए परीक्षा देने जा रही थी मां

जिसने भी सीधी बस हादसे की यह मार्मिक तस्वीर देखी उसकी आंखे नम हो गई. पांच महीने की सौम्या मां सोमबाई के आंचल से लिपट कर चैन की नींद सो रही थी. उसकी मौसी आशा भी साथ में सफर कर रही थीं. मां और मौसी एएनएम की परीक्षा देने सतना जा रही थीं. लेकिन उन्हें क्या पता था कि परीक्षा के सफर में मां और बेटी का साथ हमेशा के लिए छूट जाएगा. एक ही झटके में सब कुछ छिन जाएगा. बस जैसे ही झटके से नहर में गई, तो सौम्या मां के आंचल से छिटक गई और पानी के तेज बहाव के चलते दूर तक बह गई. बस डूबते ही तीनों की सांसें थम गईं.

51 मौत! गम-गुस्सा-क्रंदन के बीच पीड़ित परिवारों से मिले मुख्यमंत्री

22 किलोमीटर दूर मिला मासूम का शव

रेस्क्यू टीम को मासूम सौम्या का शव हादसे वाली जगह से करीब 22 किलोमीटर दूर रीवा के गोविदंगढ़ के पास मिला. जबकि सौम्या की मां सोमबाई गौड़ और मौसी का शव एक दिन पहले ही बस में मिल चुका था. बताया जाता है कि हादसा होते ही बच्ची अपनी मां के दामन से छूट गई थी. जो पानी में एक पत्ते की तरह बहते हुए इतनी दूर चली गई. इस हादसे में कई परिवारों के अपने चले. जिनके जख्म कभी नहीं भर पाएगे.

बंद हुई मासूम की किलकारी

सोचो उस परिवार के घर में मौत का मातम कैसा होगा, जिसके घर में पहले से सोमबाई और आशा गौड़ की लाश रखी हुई हैं. अब पांच महीने के बच्ची सौम्या का शव भी उस परिवार के सामने था. कल तक जो परिजन मासूम की किलकारी सुन खुश होते थे अब वहीं उसका चेहरा देख बिलख रहे थे. इस दृश्य को देखकर हर कोई सदमे में था.

सीधी बस हादसा: RTO, MPRDC के GM और AGM निलंबित

दो साल पहले हुई थी शादी

हादसे का शिकार हुई सोमबाई गौड़ की शादी दो साल पहले बंडेवा थाना के चितरंगी गांव के निवासी हरिप्रताप गौड़ से हुई थी. हरिप्रताप आंध्रप्रदेश में नौकरी करता है, जबकि पत्नी गांव में रहती है. वह मंगलवार को अपनी बहन आशा के साथ एएनएम की परीक्षा देने के लिए निकली थी. दोनों बच्ची को लेकर बस में सवार हो गए. लेकिन कुछ दूर चलते ही बस नहर में गिर गई. सोमबाई और आशा गौड़ बस में फंस गए, जबकि बच्ची पानी के तेज बहाव के चलते दूर तक बह गई. बस के दोनों दरवाजे बंद थे, लेकिन खिड़कियां खुली थीं. शायद यही वजह रही होगी कि मां और मौसी के शव बस में ही रह गए, लेकिन सौम्या बाहर निकल आई.

सीधी हादसा: मां को अब भी बेटे अरविंद के आने का इंतजार

छूटा अपनों का साथ,नम हुई आंखें

सीधी बस हादसा में अब तक 51 शव बरामद होने के बाद जिले में मातम पसरा हुआ है. इस हादसे ने सैकड़ों लोगों को जिंदगी भर का गम दे दिया. लोगों ने अपनों को खो दिया. किसी का बेटा, किसी की बेटी, तो किसी की मां और किसी की पत्नी सब मौत की नींद सो गए. हादसे में जो जख्म मिले है वो कभी नहीं भर पाएगे. लेकिन इतना जरूर है कि ऐसे हादसे दोबारा न हो सके उसके लिए शासन प्रशासन क्या सबक लेता है यह गौर करने वाली बात होगी.

Last Updated : Mar 4, 2021, 10:20 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details