सीधी।वो हादसा इतना भयानक था जिसने भी देखा उसकी रूह कांप गई. सीधी बस हादसे में बच्चे-जवान और बूढ़े सब मौत के मुंह में समा गए. 61 यात्रियों से भरी बस में सिर्फ 7 लोग मौत के करीब से जिंदा बच पाए. जबकि 51 लोगों की मौत हो गई. इन्हीं में एक शव उस पांच माह की बच्ची शुभी उर्फ सौम्या का भी था. जिसने अभी दुनिया भी नहीं देखी थी और वो नहर में पत्ते की तरह बह गई. अपने पापा की इस परी की जिंदगी का सफर जन्म के पांच माह बाद ही खत्म हो गया.
बेटी गोद में लिए परीक्षा देने जा रही थी मां
जिसने भी सीधी बस हादसे की यह मार्मिक तस्वीर देखी उसकी आंखे नम हो गई. पांच महीने की सौम्या मां सोमबाई के आंचल से लिपट कर चैन की नींद सो रही थी. उसकी मौसी आशा भी साथ में सफर कर रही थीं. मां और मौसी एएनएम की परीक्षा देने सतना जा रही थीं. लेकिन उन्हें क्या पता था कि परीक्षा के सफर में मां और बेटी का साथ हमेशा के लिए छूट जाएगा. एक ही झटके में सब कुछ छिन जाएगा. बस जैसे ही झटके से नहर में गई, तो सौम्या मां के आंचल से छिटक गई और पानी के तेज बहाव के चलते दूर तक बह गई. बस डूबते ही तीनों की सांसें थम गईं.
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22 किलोमीटर दूर मिला मासूम का शव
रेस्क्यू टीम को मासूम सौम्या का शव हादसे वाली जगह से करीब 22 किलोमीटर दूर रीवा के गोविदंगढ़ के पास मिला. जबकि सौम्या की मां सोमबाई गौड़ और मौसी का शव एक दिन पहले ही बस में मिल चुका था. बताया जाता है कि हादसा होते ही बच्ची अपनी मां के दामन से छूट गई थी. जो पानी में एक पत्ते की तरह बहते हुए इतनी दूर चली गई. इस हादसे में कई परिवारों के अपने चले. जिनके जख्म कभी नहीं भर पाएगे.
बंद हुई मासूम की किलकारी