सीधी/ उज्जैन/ बैतूल।केंद्र सरकार के कृषि बिल को लेकर देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं मध्यप्रदेश के भी कई हिस्सों में किसान अलग-अलग तरीकों से विरोध जता रहे हैं. सीधी जिले में भी शनिवार को भी कई संगठनों ने मिलकर बिल के खिलाफ कई कार्यक्रम आयोजित किए.
सीधी में जिला मुख्यालय स्थित वीथिका भवन में बिल के विरोध में आंदोलन किया गया. बिल को वापस भेजने के लिए राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया. प्रतिरोध आंदोलन को संबोधित करते हुए टोको-रोको-ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा, 250 किसान संगठनों के मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की अपील पर आजादी के बाद किए गए भूमि सुधारों को खत्म करने का रास्ता प्रशस्त कर दिया है. अब तक किसान आत्मनिर्भर था, लेकिन केंद्र सरकार उन्हें अब कॉर्पोरेट का गुलाम बनाने पर आमादा है.
केंद्र सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने की घोषणा की थी, लेकिन किसान विरोधी कानून लागू हो जाने के बाद किसानों की आमदनी आधी रह जाएगी. किसानों पर कर्ज और आत्महत्याएं दोगुनी हो जाना तय है. भारत किसान समाज के अध्यक्ष राजेंद्र भदौरिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने की जगह किसानों को बर्बाद करने वाले बिल को अलोकतांत्रिक ढंग से किसान संगठनों, सभी राज्य सरकारों से परामर्श किये बगैर, संसद में किसानों पर थोप दिए हैं.