सीधी।एक ओर मध्यप्रदेश मे कोरोना पॉजिटिव के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं तो वहीं सीधी जिले में एक नाबालिग लड़के को बिना कोरोना रिपोर्ट के आइसोलेशन में भर्ती किया गया है. जिसके बाद शुक्रवार को जिला प्रशासन के पास शिवसेना के नेतृत्व में पीड़ित परिवार पहुंचा, जहां उन्होंने सरपंच सचिव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके 16 साल के बेटे को बगैर किसी पॉजिटिव रिपोर्ट के आइसोलेशन में भर्ती किया गया है. परिजनों का आरोप है कि उसे मलेरिया और टाइफाइड की शिकायत है और वहां से छुट्टी नहीं कर रहे हैं यदि बेटे को कुछ हो जाएगा तो इसकी जवाबदारी कौन लेगा और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बेटे की छुट्टी के लिए प्रशासन से आग्रह किया गया.
बेटे को जबरन आइसोलेशन वार्ड में कराया भर्ती, परिजनों ने लगाई अधिकारियों से गुहार
सीधी जिले में एक नाबालिग लड़के को बिना कोरोना रिपोर्ट के आइसोलेशन में भर्ती किया गया है. जिसके बाद शुक्रवार को जिला प्रशासन के पास शिवसेना के नेतत्व में पीड़ित परिवार पहुंचा, जहां उन्होंने सरपंच सचिव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके 16 साल के बेटे को बगैर किसी पॉजिटिव रिपोर्ट के आइसोलेशन में भर्ती किया गया है.
दरअसल सीधी में शिवसेना के नेतृत्व में एक पीड़ित परिवार जिला प्रशासन से गुहार लगाने पहुंचा. परिजनों का आरोप है कि गांव के सरपंच सचिव ने जबरन उनके 16 साल के लड़के को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया है जबकि उसे कोरोना की कोई शिकायत नहीं है, न ही कोई उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई, बावजूद इसके 26 तारीख से उसे भर्ती किया गया, छुट्टी मांगने पर भगा दिया जाता है, जबकी बेटे की तबियत मलेरिया और टाइफाइड से अधिक खराब हो रही है और उसका इलाज कोरोना का किया जा रहा है ऐसे में यदि उसके बेटे की तबियत ओर खराब हो रही है.
फरियादी का कहना है कि डॉक्टर मानने को तैयार नहीं है न ही उसे छुट्टी दे रहे हैं, ताकि उसका मलेरिया का इलाज किसी अच्छे डॉक्टर से करा सकें, ऐसे में बेटे को कुछ हो जाता है तो उसकी जवाबदारी कौन लेगा. शिकायत करते हुए पीड़ित संतोष शर्मा ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपने बेटे की जान बचाने के लिए आइसोलेशन वार्ड से छुट्टी लेने का आग्रह किया गया हैं. इस मामले में एसडीएम का कहना है कि यदि ऐसा है तो डॉक्टर से बात की जाएगी.