सीधी। जिले के सिहाबल विधानसभा क्षेत्र स्थित बरबंधा गांव के लोग बिजली विभाग से मिन्नतें कर, मनोहार कर हार गए तो एक नया तरीका इजाद किया. उन्होंने ट्रांसफॉर्मर को अपना संदेशवाहक बनाया और उसकी जुबानी अपनी कहानी सुना डाली.
सीधी के ट्रांसफार्मर की खस्ता हालत. ग्रामीणों ने बड़े क्रियेटिव अंदाज में अपनी बात कही. ट्रांसफार्मरों पर स्लोगन लिखे. जिस पर लिखा था- मैं दर्द से मर रहा हूं, लोग अंधेरे में हैं, मुझे जल्द बदलो.
अधिकारी नहीं सुन रहे गुहार
ग्रामीणों को विश्वास था कि बेचारा ट्रांसफॉर्मर अपनी बात से साहब लोगों को मुतासिर कर लेगा. लेकिन ऐसा हो ना सका. शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया. अधिकारियों ने जले हुए ट्रांसफार्मर की सुध लेने की जरूरत ही नहीं समझी. न उसको ठीक कराया है ना ही उसे बदलने की जरुरत समझी.
ये तो पूरे जिले की कहानी है
सिहाबल विधानसभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जिले का तकरीबन यही हाल है. बिजली की आंखमिचौली और विभाग के अधिकारियों की लुका छिपी जारी रहती है. लोग शिकायती पत्र लेकर पहुंचते है और बैरंग लौट आते हैं.
तीन महीने से अंंधेरे में गांव
सरकार हर घर बिजली की बात करती है. लेकिन बरबंधा गांव का हाल ये है कि यहां पिछले तीन महीने से यहां रात को पारम्परिक तरीके से ही उजाला होता है. थक हार कर ग्राम पंचायत ने नायाब तरीका अपनाया. अपनी बात, स्लोगन के जरिए बयां कर दी. और ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
पूर्व मंत्री का वर्तमान सरकार पर आरोप
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का कहना है कि कमलनाथ सरकार में सात दिनों के अंदर जले बिजली ट्रांसफार्म बदलने की नीति बनी थी. जिसका शिवराज सरकार अब तक क्रियान्वयन नहीं कर सकी है. यहां के बिजली अधिकारी बता रहें है कि मुझे अभी शो कॉज नोटिस जारी हो गया है. वह भी इसलिए कि आप बिजली कटौती नहीं कर रहे है. बिजली 14 घण्टों के बजाय ठीक से चार घण्टे नहीं मिल पा रही है. सब परेशान हैं. लेकिन सत्ता पक्ष के लोग आवाज दबाने का काम कर रहे है. मैं सड़क से लेकर सदन तक जनता के हित की लड़ाई लडूंगा.