सीधी।देश में जल संरक्षण को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारें गंभीर दिखाई देती हैं. जल है तो कल है, इसी सोच को लेकर सरकार बारिश के पानी को एक जगह संरक्षण करके रखने के लिए तरह-तरह की योजना बनाकर धरातल में उतारना चाहती है. जिसको लेकर पंचायत स्तरों पर काम होता है, लेकिन जल संरक्षण का सही आंकलन जनवरी फरवरी में किया जा सकता है.
जल संरक्षण का प्रयासप्रदेश के सीधी जिले में भी बारिश के पानी को एक जगह रोककर जल स्तर बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. चेक डेम बनाकर नदी नालों में फिजूल बहता पानी रोककर किसानों को लाभ देने की कोशिश की जाती है. इसके साथ ही तालाब, गहरीकरण, नए तालाबों का निर्माण जैसे कार्यों के लिए सरकार लाखों करोड़ों रूपये खर्च कर देती है. ताकि जिले में जल का संचय कर आने वाले समय मे पानी की समस्याओं से निपटा जा सके.
गांव-गांव में काम किए जा रहे काम
सीधी में जल संरक्षण को लेकर गांव-गांव में काम किए जा रहे हैं. ग्रामीण युवाओं का कहना है कि जल संरक्षण को लेकर जिले में लगातार काम किया जा रहा है. गांव में मेड़ बंधान, चेक डैम का निर्माण किया जा रहा है. वहीं इस मामले में जनपद पंचायत सीधी के सीईओ का कहना है कि जल संरक्षण के काम पंचायत स्तरों पर किए जा रहे है, लेकिन इसका सही आकलन जनवरी फरवरी माह में किया जा सकता है.
जल ही जीवन है
बहरहाल जल संरक्षण को लेकर भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों से लेकर नगर पंचायत तक योजनाओं के माध्यम से काम करा रही है, लिहाजा जल मानव जाति के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है. हालांकि, दुर्भाग्य से यह दुनिया भर में तीव्र गति से बर्बाद हो रहा है. सभी लोगों को पानी बचाने की दिशा में अपना योगदान देना चाहिए.