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Covid Volunteers: जरूरतमंदों की सेवा कर रहे युवा समाजसेवी, बांट रहे नि:शुल्क खाद्य सामाग्री - Covid Volunteers sidhi

सीधी के रामपुर नैकिन क्षेत्र के युवा जरूरतमंद ग्रामीणों की मदद कर रहे हैं. यह वालंटियर के रुप में ग्रामीणों को जरुरत का सामान नि:शुक्ल उनके घर पहुंचा रहे हैं.

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Published : May 20, 2021, 9:19 AM IST

सीधी। लॉकडाउन के दौर में एक ओर जहां लोगों के पास काम नहीं हैं. पेट भरने की समस्या भी खड़ी हो गई है. इस दौर में लोगों के पास खाने पीने का सामान भी खत्म हो चुका है. ऐसे में कुछ युवाओं ने ऐसे असहाय लोगों की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाएं है. सीधी के रामपुर नैकिन क्षेत्र के कुछ युवाओं ने सराहनीय पहल की है. इन युवाओं ने चंदा इकट्ठा कर खाने पीने का सामान खरीद कर गरीब लोगों को देने का निश्चय किया है. इसके बाद ये युवा जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए उनके घर जा रहे हैं और उन्हें खाने पाने का सामान पहुंचा रहे हैं. सीधी के रामपुर नैकिन क्षेत्र में कुछ ऐसे वृद्ध हैं जिनके पास कोई भी सहारा नहीं है, ना तो कोई आगे है और ना ही कोई पीछे हैं. ऐसे में लोगों का सहारा कोरोना वॉलिंटियर या यूं कहे कि गांव के युवा बन रहे हैं.

जरूरतमंदों की सेवा कर रहे युवा समाजसेवी

मदद के लिए आगे आए समाजसेवी

जब सरकारी तंत्र लोगों को सुविधा नहीं दे पाया, तब इन युवाओं ने पहल करके शासन से लोगों के लिए मदद करने के लिए मदद मांगी. शासन ने कोरोना वायरस गाइडलाइन के अनुसार मदद करने की सशर्त अनुमति दी. उन्हें कोरोना वालंटियर के रूप में बना दिया गया. ऐसे में कोरोना वायरस वालंटियर बनकर युवा, अब लोगों की मदद करने की मन में ठान ली है.

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व्यक्तियों से बना सहयोग का कारवां

रामपुर नैकिन के हरिहरपुर में कुछ ग्रामीण ऐसे हैं. जिनके पास खाने-पीने की सामग्री तक नहीं है. लॉकडाउन में उनका घर से निकलना तक बंद हो गया है. जब इस बात की जानकारी रामपुर नैकिन क्षेत्र के युवाओं को लगी तो उन युवाओं ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया. एक दूसरे से मदद मांगकर कोई व्यक्ति राशन की व्यवस्था करता है तो कोई व्यक्ति साबुन और मिर्च मसाले की. कुछ व्यक्तियों ने नमक देकर मदद की है, तो कुछ लोगों ने आटा और लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए मैन पावर दिया है. सभी ने मदद करके लोगों तक राशन पहुंचाने का बीड़ा उठाया है.

युवा बने मसीहा

कोविड वॉलिंटियर का जनसंपर्क

वहीं जब लोगों से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम एक-दूसरे की मदद करें. जब हमें फोन आता है हम तत्काल मदद करने के लिए वहां पहुंच जाते हैं. इतना ही नहीं अगर रात में भी किसी का फोन आता है और बताते हैं कि हमारे घर मैं खाना नहीं है, तो हम उन्हें रात में ही मदद के लिए पहुंच जाते हैं. लगातार क्षेत्र के जनसंपर्क में हर वार्ड में कोविड वॉलिंटियर बन गए हैं, जो हमें यह बताते हैं कि किस व्यक्ति को किस चीज की जरूरत है, जैसे ही हमें फोन के माध्यम से पता चलता है. हम वहां मौके पर पहुंचकर उन्हें उपयुक्त प्रकार से मदद करते हैं. प्रशासन का भी इस पर भरपूर सहयोग मिलता है.

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पुनीत काम के लिए आगे आए समाजसेवी

फिलहाल जो कुछ भी हो लेकिन युवाओं की यह सोच निश्चित तौर पर मानवता को जीवित रखने का काम कर रही है. जब मानवता खत्म हो जाती है तो ऐसे युवा एक दूसरे की मदद करते हैं और समाज में अपना और अपने क्षेत्र का नाम रोशन करते हैं. कोई भूख से ना सोए इसके लिए युवा दिन रात वालंटियर के रुप में काम कर रहे हैं. ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या इस तरह की युवा सोच, इतना पुनीत कार्य कर रहे हैं. क्या इन्हें देखकर दूसरे लोग भी इनकी तरह कार्य करेंगे.

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