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कोरोना का कहर: अब इन लोगों के लिए घर का गुजारा करना हुआ मुश्किल

कोरोना महामारी से बड़े व्यापारी हो या छोटे व्यापारी सभी आर्थिक तंगी से लड़ रहे हैं. प्रतिदिन कमाकर खाने वाले ,टैक्सी,ऑटो, रिक्शा चालक भी लॉकडाउन की वजह से दाने दाने को मोहताज हो रहे हैं. अब इन्हें घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

Corona effect
कोरोना के कहर का असर

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Published : Jul 24, 2020, 6:42 PM IST

Updated : Jul 24, 2020, 9:39 PM IST

सीधी।पूरे देश में कोरोना महामारी से जहां सरकारें जूझ रही हैं. वहीं देश को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. बड़े व्यापारी हों या छोटे व्यापारी सभी आर्थिक तंगी से लड़ रहे हैं. वहीं प्रतिदिन कमाकर खाने वाले ,टैक्सी,ऑटो, रिक्शा चालक भी लॉकडाउन की वजह से दाने दाने को मोहताज हो रहे हैं. अब इन्हें घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

कोरोना का कहर

अब रोजी-रोटी का संकट

बात करें मध्यप्रदेश के सीधी जिले की तो यहां करीब 445 ऑटो शहर में दौड़ते है. और करीब 140 टैक्सी है, इसके साथ ही कई बसे है, जोकि लॉकडाउन के चलते सभी के पहिए जाम हो गए है, अब इन सब वाहनों को दौड़ाने वाले चालकों के सामने खुद का और परिवार का पेट पालने की चिंता सता रही है. लॉकडाउन की वजह से इन्हें रोजी रोटी चलाना मुश्किल हो रहा है.

पहले 500 से एक हजार तक होती थी कमाई

ईटीवी भारत ने जब ऐसे टैक्सी और ऑटो चालकों से उनका दर्द जानने की कोशिश की तो इन चालकों का कहना है कि लॉकडाउन में कोई घर से बाहर नहीं निकलता है. लॉकडाउन से पहले हजार-पांच सौ रूपये प्रतिदिन कमाई करके घर जाते थे, लेकिन अब डीजल पेट्रोल का खर्च निकलना भी मुश्किल हो रहा है. दिनभर बैठकर सवारियों का इंतजार करना पड़ता है.

आखिर ऐसा कब तक चलेगा?

वहीं चालक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि लॉकडाउन की मार झेल रहे इन लोगों के लिए घर का गुजारा करना भारी पड़ रहा हैं. शाम को जब घर जाते हैं तो बच्चे यही सोच कर दौड़े चले आते हैं कि उनके पिता उनके लिए कुछ लाए होंगे, लेकिन जब खाली हाथ देखते हैं तो बच्चे दुखी हो जाते हैं,आखिर ऐसा कब तक चलेगा?
बढ़ता जा रहा कोरोना का संकट

कोरोना वायरस की महामारी के कारण वैश्विक स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है और अनेक लोगों के लिए लॉकडाउन नया ‘नियम’ बन गया है और अब यह धारणा तेजी से बन रही है कि आने वाले समय में जब तक कोरोना वायरस खत्म होगा तब तक दुनिया की सूरत हमेशा-हमेशा के लिए बदल जाएगी. खासकर रोज कमाने और खाने वाले वाहन चालक आर्थिक बदहाली की जिंदगी बसर करने को मजबूर हो रहे हैं.

प्रदेश सरकार से मदद की उम्मीद

बहरहाल देश में कोरोना महामारी की वजह से न सिर्फ अमीर आदमी को नुकसान हुआ है, बल्कि रोज कमाकर खाने वाले टैक्सी. ऑटो चालक वर्ग के लिए लॉक डाउन कहर बनकर टूटा है. ऊपर से पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों की वजह से इनकी कमर टूट रही है. ऐसे में देखना होगा कि सरकार अब इन्हें आर्थिक तंगी से उबारने के लिए क्या कोई कदम उठाता है सीधी.

Last Updated : Jul 24, 2020, 9:39 PM IST

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