सीधी।पूरे देश में कोरोना महामारी से जहां सरकारें जूझ रही हैं. वहीं देश को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. बड़े व्यापारी हों या छोटे व्यापारी सभी आर्थिक तंगी से लड़ रहे हैं. वहीं प्रतिदिन कमाकर खाने वाले ,टैक्सी,ऑटो, रिक्शा चालक भी लॉकडाउन की वजह से दाने दाने को मोहताज हो रहे हैं. अब इन्हें घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.
अब रोजी-रोटी का संकट
बात करें मध्यप्रदेश के सीधी जिले की तो यहां करीब 445 ऑटो शहर में दौड़ते है. और करीब 140 टैक्सी है, इसके साथ ही कई बसे है, जोकि लॉकडाउन के चलते सभी के पहिए जाम हो गए है, अब इन सब वाहनों को दौड़ाने वाले चालकों के सामने खुद का और परिवार का पेट पालने की चिंता सता रही है. लॉकडाउन की वजह से इन्हें रोजी रोटी चलाना मुश्किल हो रहा है.
पहले 500 से एक हजार तक होती थी कमाई
ईटीवी भारत ने जब ऐसे टैक्सी और ऑटो चालकों से उनका दर्द जानने की कोशिश की तो इन चालकों का कहना है कि लॉकडाउन में कोई घर से बाहर नहीं निकलता है. लॉकडाउन से पहले हजार-पांच सौ रूपये प्रतिदिन कमाई करके घर जाते थे, लेकिन अब डीजल पेट्रोल का खर्च निकलना भी मुश्किल हो रहा है. दिनभर बैठकर सवारियों का इंतजार करना पड़ता है.