सीधी। विंध्य अंचल की सबसे हाई प्रोफाइल संसदीय सीट पर विरासत बचाने की जंग जारी है. जहां बीजेपी प्रत्याशी रीति पाठक जीत का लय बरकरार रखने की कोशिश में हैं तो वहीं दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सियासी विरासत बचाने में लगे हैं, जबकि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में अजय सिंह अपनी परंपरागत सीट चुरहट से चुनाव हार गये थे. फिर भी कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया है.
खत्म हो जायेगी 'अजेय' विरासत या जारी रहेगी पुरानी 'रीति', तय करेंगे 18 लाख वोटर - जिला प्रशासन
सीधी में सीधा मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है. विधानसभा चुनाव के बाद सीधी संसदीय क्षेत्र का सियासी समीकरण भी कई मायनों में रोचक हो गया है क्योंकि इसी चुनाव में बीजेपी ने अजय सिंह के गढ़ को ध्वस्त कर दिया था.
29 अप्रैल को सीधी में मतदान होना है, जिसके लिए प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है, इस बार 18 लाख 56 हजार 300 मतदाता मिलकर अपना सांसद चुनेंगे, जिनमें 9 लाख 5 हजार महिला वोटर हैं, जबकि 9 लाख 46 हजार पुरुष मतदाता हैं. इन वोटरों में 21 हजार 12 पहली बार मतदान करेंगे. मतदान के लिये 2377 पोलिंग बूथ बनाए गये हैं, जिनमें 256 बूथ अतिसंवेदनशील घोषित किये गये हैं, जहां सीसीटीवी के जरिए निगरानी की जायेगी. सभी बूथों पर केंद्रीय व जिला पुलिस बल के जवान तैनात रहेंगे.
सीधी में सीधा मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है. विधानसभा चुनाव के बाद सीधी संसदीय क्षेत्र का सियासी समीकरण भी कई मायनों में रोचक हो गया है क्योंकि इसी चुनाव में बीजेपी ने अजय सिंह के गढ़ को ध्वस्त कर दिया था. अब लोकसभा के रण में अजय सिंह ताल ठोक रहे हैं और उनके सामने हैं बीजेपी सांसद रीति पाठक, जबकि अपना गढ़ बचाने में नाकाम रहे अजय सिंह के सामने अब करो या मरो वाली स्थिति है क्योंकि इसी चुनाव के परिणाम उनके सियासी सफर की दशा-दिशा तय करने वाले हैं. हालांकि, रीति के लिए भी वोटरों को पुरानी रीति में ढाल पाना किसी चुनौती से कम नहीं है.