शिवपुरी।होली का पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम और हर्षोउल्लास से मनाया जाता है. वहीं शिवपुरी में एक ऐसा गांव भी है जहां होली के बाद भाई दौज के दिन लठ्ठमार होली खेली जाती है. ये होली आम होली से थोड़ी अलग होती है. यहां महिलाएं पुरुषों पर खूब लठ्ठ बरसाती हैं. इस तरह का आयोजन गांव में बरसों से चला आ रहा है. ग्रामीणों का विश्वास है कि इस पंरपरा को बंद नहीं किया जाएगा. यदि इसे बंद कर दिया जाए तो देवता नाराज हो जाते हैं.
दरअसल महिलाएं रस्सी पर रुपयों की माला टांग देती हैं. इसके पास हाथों में लाठियां लेकर महिलाएं खड़ी हो जाती हैं. वहीं जब पुरूष इस माला को तोड़ने आते हैं तब महिलाएं उन्हें लाठिया मार कर माला तोड़ने से रोकती हैं. यह परम्परा सदियों से चली आ रही है. कोरोना काल पर भी यह परंपरा हावी रही, जिसे ग्रामीण मनाते चले आ रहे हैं.
- गांव में विशेष लोगों के यहां माला टांगी जाती है
गांव में परम्परा है कि साल भर गांव में जितने परिवार मे शादी या बच्चा होता है तो उस घर के दरवाजे पर भाई दौज के दिन एक माला टांगी जाती है जिसमें रूपए होते हैं. यह हर्ष उल्लास का प्रतीक होता है इस दिन गांव में फाग के दौरान पुरूष जब इस माला को तोड़ने की लिए आते हैं तो महिलाएं उन्हे लठ्ठ मार कर रोकती हैं.