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किसानों के लिए सायलो केंद्र बना संकट, 5 दिन से नहीं तुला गेंहू - wheat procurement center in karera

सायलो केंद्र पर किसानों का गेंहू लंबे इंतजार के बाद भी नहीं तुल पा रहा है. हालात इतने खराब हैं कि केंद्र से सड़क तक 3 किलोमीटर तक ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी लाइन लगी है.

सायलो केंद्र
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Published : May 22, 2021, 9:26 AM IST

शिवपुरी। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए करैरा में टीला रोड़ पर बनाए गए सायलो केंद्र पर किसानों का गेंहू 5-5 दिन तक नहीं तुल पा रहा है. यहां अपनी उपज बेचने आए किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. हालात इतने खराब है कि सायलो केंद्र से सड़क तक 3 किलोमीटर तक ट्रैक्टर-ट्रालियों के लंबी लाइन लगी है.

सायलो केंद्र

मौसम की खराबी के चलते आई दिक्कत
करैरा मुख्यालय से 7 किमी दूर टीला रोड़ पर पनामा कंपनी ने सायलो केंद्र बनाया है, जहां समर्थन मूल्य पर किसानों का गेंहू खरीदा जा रहा है. यहां आए दिन मशीनों की खराबी और 3 दिन से मौसम में आए परिवर्तन से हालात बिगड़ गए हैं. परेशान किसानों को अपनी रातें भी ट्रैक्टर-ट्राली के साथ सड़कों पर गुजारनी पड रही है. सबसे ज्यादा उन किसानों को परेशानी है, जो गेंहू बेचने के लिए भाड़े का ट्रेक्टर लेकर आए है उनका भाड़ा अधिक हो रहा है.

पहले हर सोसाइटी पर होती थी खरीद
इससे पहले गेहूं की खरीदी का काम सहकारी सोसायटी संस्थाओं पर किया जाता था, लेकिन इस साल से सरकार ने यह काम यहां पनामा कंपनी को दे दिया,जहां अंचल की अधिकतर सोसायटियों के किसानों का गेंहू एक साथ खरीद किया जा रहा है, जिस दिन इस सायलो केंद्र का शुभारंभ किया गया, तभी से यहां परेशानियां हो रही हैं. कभी तौल को लेकर तो कभी गेंहू भरने वाली मशीन की खराबी को लेकर. इस कार्य के लिए ड्यूटी पर तैनात लोगों का कहना है कि कोई दिक्कत नही हैं 3 दिन से मौसम खराब होने से समस्या आई है. किसान खुद व्यवस्था विगाड़ रहे हैं.

2 किमी में 500 से 600 ट्रैक्टर-ट्रॉली
सायलो केंद्र का संचालन कर रही पनामा कंपनी ने भी यहां तैनात अपने मैनेजर को समस्याओं के चलते बदल दिया है. यहां की जिम्मेदारी प्रधुम्न खरे को दी है. कुछ लोग कहते है कि इनके आने के बाद काम में गति तो आई है, लेकिन हालात अभी भी ठीक नही है. 2 किमी में 500 से 600 ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े हैं. जोनयहा के खराब हालातों की कहानी बयां करते है, जबकि कंपनी के जिम्मेदार प्रधुमन खरे कहते है कि उन्होंने ट्रैक्टरों को नंबर दिए थे लेकिन कुछ दबंग तरह के किसान ट्रैक्टर को जबरन बीच मे फसाकर जाम लगा देते है, जिससे अनावश्यक समय बर्बाद होता है.

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