शिवपुरी। कर्नाटक में फंसे 60 मजदूरों को कोलारस पुलिस गुरुवार को सकुशल वापस लेकर लौटी. मजूदर करीब तीन महीने कर्नाटक मजदूरी करने के लिए गए थे. जहां कुछ दिन पहले ही अचानक से उनका परिवार वालों से संपर्क टूट गया था. जिसके बाद परिजन एसपी आफिस में शिकायत करने के लिए पहुंचे थे. वहां से लौटे मजदूरों ने अपनी जो व्यथा सुनाई, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है. जब कोई मजदूर बीमार हो जाता था, तो मिल मालिक उसके पैरों में जंजीर बांध दिया करता था. मजदूरी के रुपये मांगने पर उन्हें बेल्टों से बेरहमी से पीटा जाता था. जब मजदूर लौटे तो कुछ के पैरों में यह जंजीरें भी बंधी हुई थी.
इंदौर के बजाए कर्नाटक ले गए
जानकारी के अनुसार सुभाषपुरा थाना क्षेत्र के बारा गांव का अनिल जाव खिरई घुटारी के मजदूर को रोजना 600 रुपये मजदूरी और खाना खर्चा दिलाने की बात कहकर मजदूरी पर ले गया था. उसके साथ ही वह बैराड़ थाना के तिघरा, बालापुर, सारंगपुर, जाफरपुर से भी आदिवासियों को अपने साथ ले गया था. वह मजदूरों को इंदौर के बजाए कर्नाटक ले गया. यहां उन्हें एक मिल में मजदूरी के काम पर लगा दिया गया. कुछ दिनों बाद मजदूरों का परिजनों से कॉनटेक्ट नहीं हो पा रहा था.
परिवार से कनेक्शन टूटा, फिर एसपी से की शिकायत
जिसके बाद परिजनों ने एसपी से मामले की शिकायत की. जानकारी मिलने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और कोलारस पुलिस की टीम कर्नाटक पहुंची. पुलिस मुखबिर की सूचना और मजदूरों के मोबाइल की लोकेशन के आधार पर कर्नाटक के ग्राम कोरवार थाना मडबूर, ग्राम रेवग्गी थाना कानगी जिला गुलबर्गा पहुंची. जहां मजदूरों को तलाशा, तो वे काम करते हुए मिले. सबको सकुशल कर्नाटक एक्सप्रेस से ग्वालियर भिजवाया और वहां से गुरुवार को सभी शिवपुरी पहुंचे. एसपी आफिस पर पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने सभी से बात की और स्थिति जानी.
हर साल बाहर जाते हैं मजदूर