शिवपुरी। विकास के उजाले से चमचमाती एमपी सरकार के चेहरे का नूर गांवों में जाकर बदल जाता है. नूर ढल जाता है. चेहरा अंधेरे में खो जाता है. कारण एक ही है शहर की रोशनी गांव में गायब है. अंधेरा चारों तरफ फैला हुआ है. गांवों में बिजली है नहीं. सब कुछ बिना बिजली के चल रहा है. अस्पतालों में मरीज की जान बस डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के 'अंदाजे' के रहमों करम पर है. इंजेक्शन लगाने से लेकर शरीर की चीर फाड़ यानि ऑपरेशन तक सब अंदाजे पर हो रहा है.
गाड़ी ने मारी टक्कर:आप कहेंगे ऐसा हो नहीं सकता है. कहीं बिना बिजली के भी ऑपरेशन या मरीज को डॉक्टर देख सकता है. हम कहेंगे हां. ऐसा एमपी में होता है. हिंदुस्तान का दिल दिखो. आपको अजब-गजब सब मिलेगा. ये मजाक नहीं है ईटीवी भारत को इसकी बानगी देखने को मिली शिवपुरी के कोलारस कस्बे में. शिवपुरी से जब हाई-वे नंबर 27 पर गुना की तरफ आगे बढ़ते हैं तो कोलारस कस्बा आता है. आबादी कम है.सड़कों पर अंधेरा है. ऐसा ही अंधेरा लुकवासा पुलिस चौकी के पास पचावली टोल के पास है. इसी की वजह से यहां पर किसी गाड़ी ने मोटरसाइकिल पर जा रहे दीपक लोधी और अमोल लोधी को टक्कर मार दी. दोनों बुरी तरह से घायल हो गए ।
अंधेरे में हुआ प्रथामिक उपचार:घायल सड़क पर पड़े थे. किसी ने एंबुलेंस को बुलाया. एंबुलेंस मौके पर पहुंची. वो घायलों को कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले आई. पर इस दौरान एंबुलेंस के स्टाफ से सुनाई पड़ा,"ये दारू पी रहे हैं, उसी में ये हुआ है. हम लोग परेशान हो रहे हैं." हालांकि लोगों का कहना था कि ये लोग रात में शादी का कार्ड बांटने जा रहे थे. बहरहाल घायलों की मदद की गई. उनको स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया. जहां इलाज अंधेरे में चला. केन्द्र में बिजली नहीं थी. घायल दर्द से ज्यादा स्वास्थ्य केन्द्र के हालत देखकर कर घबरा गए.