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Shivpuri Health Services: अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही से प्रसूता ने खुले आसमान के नीचे दिया बच्चे को जन्म - प्रसूता ने खुले आसमान के नीचे दिया बच्चे को जन्म

मध्यप्रदेश में अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लाख दावे किए जा रहे हों लेकिन हकीकत इससे उलट है. शिवपुरी में जिला अस्पताल के स्टॉफ द्वारा की गई लापरवाही के चलते एक प्रसूता को अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा. प्रसूता के पति ने बताया कि ईश्वर की कृपा से जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

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अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही से प्रसूता ने खुले आसमान के नीचे दिया बच्चे को जन्म

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Published : Jan 18, 2023, 10:42 PM IST

अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही से प्रसूता ने खुले आसमान के नीचे दिया बच्चे को जन्म

शिवपुरी। मध्य प्रदेश सरकार स्वास्थ सेवा को लेकर लाख दावे करती है पर उस दावे की हकीकत तब सामने आई जब जिला अस्पताल की चौखट पर प्रसूता महिला ने बच्चे को जन्म दिया. शिवपुरी के जिला अस्पताल की चौखट पर आज बुधवार की शाम एक प्रसूता ने खुले आसमान के नीचे एक बच्चे को जन्म दे दिया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते हमें इस हालत से गुजरना पड़ा.

108 एम्बुलेंस ने समय से पहुंचा दिया था अस्पतालः मिली जानकारी के अनुसार ग्राम लालगढ़ की रहने वाली प्रसूता छाया परिहार पत्नी भगवान सिंह उम्र 35 साल को आज दोपहर तेज प्रसव पीड़ा होने लगी थी. परिजनों ने तत्काल 108 एम्बुलेंस से संपर्क किया था. एम्बुलेंस भी समय पर प्रसूता को लेने लालगढ़ गांव पहुच गई थी. लेकिन अस्पताल पहुंचते-पहुंचते प्रसव की स्थिति बन गई थी. 108 एम्बुलेंस के चालक ने प्रसूता को समय पर जिला अस्पताल तो पहुंचा दिया था.

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बुलाने पर भी समय से नहीं आया स्टॉफः प्रसूता छाया के पति मोहन सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस चालक को जल्दबाजी थी. मैं एम्बुलेंस चालक कह रहा था कि हॉस्पिटल का स्टॉफ आने तक वह मेरी पत्नी को एंबुलेंस में ही रहने दे, परंतु एम्बुलेंस का ड्राइवर नहीं माना उसने मेरी गर्भवती पत्नी को एम्बुलेंस से नीचे उतार दिया. इस बीच मैं भागकर अस्पताल के स्टॉफ को भी बुलाने गया. इसके बाद भी अस्पताल का स्टॉफ मदद के लिए नहीं आया. प्रसूता को लेने आने में देर कर दी. इसके बाद मेरी पत्नी छाया ने अस्पताल की चौखट पर ही खुले आसमान के नीचे बेटे को जन्म दे दिया. प्रसव के उपरांत प्रसूता को अस्पताल के अंदर भर्ती कराया गया. भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि जच्चा-बच्चा की हालत खतरे के बाहर डॉक्टरों द्वारा बताई जा रही है.

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