शिवपुरी।ये मामला 13 जुलाई 2017 का है, जब करेरा थाना पुलिस ने पुरानी तहसील के पास हर्षित राठौर के घर से आशुतोष सक्सेना, हर्षित राठौर और किफायत उल्ला खां को नकली नोट और उन्हें छापने की सामग्री कम्प्यूटर सीपीयू प्रिंटर और कागज के साथ गिरफ्तार किया. उन तीनों की निशानदेही पर से पुलिस ने बाजार में नकली नोट के साथ दीपांकर, केशव लोधी, नितिन भार्गव और आशीष तिवारी को गिरफ्तार किया था.
5 साल पहले का मामला :पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया था. तभी से ये प्रकरण न्यायालय में चल रहा था. करैरा थाना पुलिस ने अपनी एफआईआर में 13 जुलाई 2017 की सुबह 5 बजे हर्षित राठौर के घर छापा मारकर आरोपियों को नकली नोट छापने की सामग्री और नकली नोटों के साथ गिरफ्तार करना दर्शाया है. जबकि 13 जुलाई 2017 को एक समाचार पत्र में तत्कालीन एसडीओपी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर नकली नोटों का जखीरा बरामद किया है, कुछ आरोपी भी गिरफ्तार किए हैं. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. मामले का खुलासा बाद में किया जाएगा. इस प्रकार की खबर प्रकाशित की गई थी.
कोर्ट ने ये तर्क दिया :इसलिए कोर्ट ने माना कि पुलिस ने घटना से पूर्व ही आरोपियों को थाने में बिठा रखा था. बाद एफआईआर दर्ज कर उन्हें आरोपी बना दिया. कोर्ट ने इसी आधार पर पुलिस की पूरी कहानी को अविश्वसनीय माना कि 13 जुलाई 2017 को उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी और उनसे नकली नोटों की जब्ती कार्रवाई की है.